फाइल फोटो
प्रयागराज में चार शक्ति रसोइयों का संचालन शुरू
प्रयागराज (आरएनएस)। उत्तर प्रदेश में डबल इंजन की सरकार महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। महिला स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं को आजीविका के नए साधन मुहैया कराए जा रहे हैं। प्रयागराज में तीन शक्ति रसोई का संचालन इसी का एक प्रयास है जिससे महिलाएं आत्म निर्भर बन रही हैं।
महिलाओं को आत्म निर्भर बनाने के लिए संकल्पित प्रदेश की योगी सरकार शक्ति रसोई की शुरुआत कर रही है। काशी के बाद प्रयागराज में भी इसका संचालन शुरू किया गया। जिला शहरी विकास अभिकरण की निदेशक वर्तिका सिंह के मुताबिक शक्ति रसोई के माध्यम से स्वयं सहायता समूह से जुड़ी घरेलू महिलाओं को रोजगार से जोड़ा जा रहा है। इसी के अंतर्गत शहर में पांच शक्ति रसोई खोलने की योजना है जिसमे अभी तक चार शक्ति रसोई का संचालन हो चुका है। शेष एक शक्ति रसोई का भी संचालन इसी साल के आखिर तक शुरू हो जाएगा।
नारी शक्ति को रोजगार से जोड़ने के लिए शुरू की गई ये शक्ति रसोई उन स्थानों पर खोली गई हैं जहां जरूरत मंद लोगों की मौजूदगी अधिक रहती है। इसके लिए अस्पताल को प्राथमिकता दी गई है। डूडा परियोजना निदेशक वर्तिका सिंह बताती हैं कि शहर की पहली रसोई टीबी सप्रू सरकारी अस्पताल से सटे सीएमओ ऑफिस कैंपस में खोली गई। सतनाम महिला स्वयं सहायता समूह की दस महिलाओं को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। इस समूह ने आपस में मिलकर एक लाख की पूंजी जुटाई है जिससे यह शक्ति रसोई बनी है। इसमें जमीन, पानी और बिजली मुख्य चिकित्साधिकारी की तरफ से उपलब्ध कराए गए हैं। इसके अलावा इनके संचालन से कार्यालयों और अस्पतालों में घर का बना घरेलू गरमागरम नाश्ता और खाना लोगों को मिल रहा है। शहर की दूसरी शक्ति रसोई जिला महिला चिकित्सालय परिसर में खोली गई जिसमे अस्पताल में इलाज कराने आने वाले मरीजों के परिजनों का घर जैसा खाना रियायती कीमत में मिल सके। तीसरी रसोई नगर में परिसर के अंदर और चौथी रसोई मंडल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल स्वरूप रानी नेहरू के मुख्य द्वार के पास खोली गई। शक्ति रसोई के माध्यम से परिसर में शहरी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा भोजन एवं जलपान उचित दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है।
चार दर्जन से अधिक महिलाओं को मिला रोजगार
प्रयागराज (आरएनएस)। उत्तर प्रदेश के कुल 16 नगर निगम में शक्ति रसोई संचालित किए जाने की योजना है। प्रयागराज में पहले इस योजना का नाम दीदी कैफे था लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर शक्ति रसोई कर दिया गया।
शक्ति रसोई शहर के दूसरे भोजनालय या कैफे से पूरी तरह अलग होंगे। यहां रसोई में खाना बनाने से लेकर परोसने और बिक्री करने तक की सभी जिम्मेदारी महिलाओं की होगी। इसका फायदा ग्राहकों को भी मिलेगा। जिस सीएमओ आफिस के पुरुष और महिला कर्मचारियों ने खानपान के लिए परिसर के बाहर जाते थे उन्हे अपने परिसर में ही यह मिल जाएगा। शक्ति रसोई में कुक का काम देख रही प्रीति बताती हैं कि बाहर खानपान के जो आइटम मिलते थे उसमे कई तरह की मिलावट की शिकायतें आती थी जो यहां नही मिलेगी। घर की महिलाओं के हाथ की बनी रेसिपी के व्यंजन और चाय कॉफी यहां मिलेगी। एसआरएन अस्पताल में मरीजों और तीमारदारों को चाय- नाश्ता के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।