वॉशिंगटन (ईएमएस)। पेड़ से ज्यादा सौलर पैनल जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कारगर है। ताजा अध्ययन से पता चला है कि यदि भूमि के उपयोग को ध्यान में रखा जाए, तो अधिक सौर पैनल स्थापित करना या सौर ऊर्जा प्रणाली में अधिक निवेश करना उसी क्षेत्र में पेड़ लगाने की तुलना में अधिक इको-फेंडली है।
अध्ययन के अनुसार, सोलर प्रणाली जहां लगभग 2,5 वर्षों में ही जलवायु परिवर्तन के लिए लाभप्रद होना शुरू हो जाते हैं, वहीं वनीकरण को अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचने में दशकों लग जाते हैं।कैसे दोनों में है अंतर-पेड़ धीरे-धीरे हवा से कार्बन डाइऑक्साइड को हटाते हैं, जबकि सोलर पैनल, नवीकरणीय ऊर्जा के साथ जीवाश्म ईंधन बिजली की जगह सीधे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करते हैं।पेड़ और सौर पैनल दोनों सूर्य के अधिक प्रकाश को अवशोषित कर सकते हैं और भूमि की सतह को काला करके ग्लोबल वार्मिंग को रोकने में योगदान कर सकते हैं।
ग्लोबल वॉर्मिंग में पेड़ो और सोलर पैनल की भूमिका को समझने के लिए वैज्ञानिकों ने इज़राइल के नेगेव रेगिस्तान में लगे यंत्र और पास के वन्य क्षेत्र का अध्ययन किया।अर्धशुष्क क्षेत्रों में सौर पैनल पेड़ लगाने की तुलना में ग्लोबल वॉर्मिंग के संतुलन को तेजी से हासिल करते हैं। शोध में पता चला कि सौर ऊर्जा का ग्लोबल वार्मिंग पर त्वरित सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, लेकिन वनों के समग्र लाभ आज भी अपूरणीय है।