महमूदाबाद, सीतापुर। सात बच्चों वाली मां के नसबंदी के बाद भी गर्भ ठहर गया जो पांच माह का हो गया है। महिला की नसबंदी सीएचसी महमूदाबाबाद में एक वर्ष पूर्व हुई थी जिसका प्रमाणपत्र उसके पास मौजूद है। पीड़िता ने दोषी स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई व मुआवजा दिलाए जाने की मांग की है। महमूदाबाद कस्बा व कोतवाली के ठाकुरपुर वार्ड निवासिनी सरोजनी देवी पत्नी सरोज के दो पुत्र व पांच पुत्रियां हैं। 24 नवंबर 2022 को सीएचसी महमूदाबाद में लगे कैंप में चिकित्सक डा. शाहिद द्वारा सरोजनी की नसबंदी की गई थी और नसबंदी का प्रमाणपत्र भी दिया गया था।
सरोजनी का आरोप है कि नसबंदी के बावजूद उसे गर्भ ठहर गया और अब वह पांच माह की गर्भवती है। सरोजनी द्वारा सीएचसी के साथ जिले के आला स्वास्थ्य अधिकारियों को मामले की जानकारी दी जा चुकी है किंतु कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इस संबंध अधीक्षक डा. आशीष सिंह ने बताया कि प्रकरण उनके संज्ञान में है। सरोजनी देवी सीएचसी आई थीं उन्हें नसबंदी निष्क्रिय होने के लिए मिलने वाले 30 हजार रुपए के मुआवजे के लिए फार्म उपलब्ध कराते हुए मामले को उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।