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बीमारी से मृत मां के शव के साथ एक साल से घर में रह रही थी दो युवतियां, पड़ोसियों को भी नहीं लगी भनक, दिल दहला देने वाली है कहानी

 

-पुलिस ने कंकाल में बदल चुके शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा

वाराणसी (हि.स.)। लंका थाना क्षेत्र के मदरवा गांव में एक महिला की मृत्यु के साल भर बाद भी बेटियों ने शव का अन्तिम संस्कार नहीं किया। शव को एक कमरे में बंद कर दोनों बेटियां घर में रह रही थीं। घटना की जानकारी हुई तो दोनों युवतियों के रिश्तेदार और पड़ोसी भी स्तब्ध रह गए। पुलिस ने कमरे से कंकाल में बदल चुके शव को कब्जे में ले लिया। गुरुवार को यह मामला पूरे दिन सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बना रहा।

 

बेल्थरारोड (बलिया) के फूलपुर गांव निवासी रामकृष्ण पांडेय का मदरवां लंका में गंगा किनारे 22 साल पुराना मकान है। रामकृष्ण पांडेय की तीन बेटियों में बड़ी उषा का विवाह बेल्थरारोड क्षेत्र के ही अकोफ निवासी देवेश्वर तिवारी से हुआ था। अनबन होने पर लगभग छह साल पहले देवेश्वर ने उषा से संबंध तोड़ लिया। पति से अलग होने के बाद उषा अपने पिता के मदरवा स्थित मकान में अपनी दो बेटियों-पल्लवी (27) और वैष्णवी त्रिपाठी (18) को लेकर रहने लगी थी। जीविकोपार्जन के लिए उषा कास्मेटिक की दुकान चलाती थी। रामकृष्ण दो साल से अपनी अन्य दोनों बेटियों के यहां रहने लगे। वर्ष 2022 में आठ दिसंबर को बीमारी के चलते उषा देवी का निधन हो गया। मां के निधन के बाद दोनों बेटियों ने इसकी जानकारी न तो नाना और न ही रिश्तेदारों को दी। वे बहुत जरूरी होने पर ही बाहर निकलती थीं। दोनों ने रिश्तेदारों और पड़ोसियों से बातचीत भी करना बंद कर दिया। प्रधानमंत्री अन्न योजना और मां के जेवरात बेचने से मिले रुपयों से दोनों खर्च चला रही थीं। बीच में नाना और मौसा घर आए तो दोनों ने घर का दरवाजा नहीं खोला। दोनों के व्यवहार से दुखी नाना और मौसा वापस लौट गए। गत बुधवार की अपरान्ह पल्लवी के मौसा धर्मेंद्र और उनकी पत्नी भी मकान पर आई ।

दोनों ने दरवाजा खुलवाना चाहा तो फिर दोनों बहनों ने गेट नहीं खोला। यह देख पड़ोसी भी जुट गए। लोगों ने दरवाजा न खुलने पर पुलिस को सूचना दी। सूचना पाते ही लंका पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने वीडियोग्राफी कराते हुए घर का दरवाजा तोड़वाया। अंदर प्रवेश करने पर कमरे के भीतर का दृश्य देख लोग दंग रह गए। ऊषा के शव का कंकाल एक कमरे में पलंग पर सफेद रंग की रजाई से ढंक रखा गया था। दोनों बहनें दूसरे कमरे में रह रही थीं और उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं लग रही थी। पूछताछ में दोनों ने बताया कि मां के निधन की सूचना उन्होंने डर के मारे किसी को नहीं दी। मौके पर पहुंची फोरेंसिक टीम ने भी देर तक छानबीन की। पत्रकारों को डीसीपी काशी जोन आरएस गौतम ने बताया कि कंकाल में तब्दील शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। बताया गया कि पल्लवी ने एमकाम किया है और वैष्णवी ने हाई स्कूल करने के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी।

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