– नमोघाट पर मुख्यमंत्री ने विदेशी मेहमानों के साथ दीया जलाकर पर्व का किया शुभारंभ
– पथरीले अर्धचन्द्राकार नमोघाट से रविदास घाट तक फैले 8 किमी के दायरे में देवलोक सरीखा नजारा देख गदगद हुए विदेशी मेहमान
वाराणसी, 27 नवम्बर (हि.स.)। देव दीपावली पर्व पर सोमवार की शाम गंगा की लहरों में क्रूज पर सवार प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और 70 देशों के राजदूत उत्तरवाहिनी गंगा में देवलोक सरीखा नजारा देख आह्लादित नजर आये। नमोघाट से रविदासघाट के बीच लगभग आठ किलोमीटर के दायरे में गंगा के दोनों तटों पर जले 12 लाख से अधिक दीयों की रोशनी में कलकल करती गंगा के किनारे साक्षात समानान्तर प्रवाहित ज्योतिगंगा का एहसास कर विदेशी मेहमान इस अद्भभुत और आध्यात्मिक छटा के हमराह बने। नमोघाट से ही क्रूज पर सवार मुख्यमंत्री और विदेशी मेहमान गंगधार के दोनों पाटों पर लाखों-लाख दीपों की लड़ियों को एक साथ अठखेलियां करते देखते रहे। ग्रीन आतिशबाजी के साथ शंखनाद के स्वरों और घंटे-घड़ियालों की घनघनाहट के बीच गंगा के किनारे जमीं पर सितारे उतरने का नजारा विदेशी मेहमानों और मुख्यमंत्री को दिखाने के लिए क्रूज भी धीमी गति से आगे बढ़ता रहा।
इस दौरान दशाश्वमेध घाट पर गंगा सेवा निधि की ओर से वैदिक मंत्रोच्चार के बीच गंगा की महाआरती और रिद्धि-सिद्धि के रूप में 51 कन्याओं को मां गंगा को चंवर डुलाते देख मेहमान आध्यात्मिक अंदाज में दिखे।
इसके पहले नमोघाट पर फूलों से सजे जेटी पर मुख्यमंत्री ने 70 देशों के राजदूतों और उनके साथ आए 150 प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी से स्वागत किया। इसमें इंडोनेशिया, इटली, चीन, पोलैंड, रूस, नेपाल, भूटान, ग्रीस समेत अन्य देशों के राजदूत, उच्चायुक्त व शीर्ष अधिकारी शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने विदेशी मेहमानों के साथ फोटो खिंचवाया। फिर केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा आवास मंत्री हरदीप सिंह पुरी, विदेशी मेहमानों के मौजूदगी में पहला दीप जलाकर विश्व प्रसिद्ध देव दीपावली उत्सव का शुभारंभ किया।
इसके बाद विवेकानंद क्रूज पर सवार होकर मुख्यमंत्री और मेहमान गंगधार में देव दीपावली की अद्धभुत छटा निहारने निकले। पूर्णिमा की चांद की दुधिया रोशनी में भूतभावन की प्रेयसी गंगा का स्वरूप और उनके गले में ज्योर्तिमालाओं की लड़िया को विदेशी मेहमान अपलक देखते रहे। पंचगंगा घाट पर ‘हजारा दीप स्तंभ’ भी मेहमानों ने देखा। गंगा में धीरे-धीरे क्रूज चेतसिंह किलाघाट पर पहुंच कर ठहर गया। यहां मुख्यमंत्री और विदेशी मेहमानों ने ग्रीन आतिशबाजी,खास लेजर और प्रोजेक्शन शो देखा। खास बात यह रही कि मुख्यमंत्री के गंगा में नौकायन के दौरान गंगा किनारे विभिन्न घाटों पर खड़े लोग हर-हर महादेव के गगनभेदी उद्घोष से उनका स्वागत भी करते रहे। मुख्यमंत्री भी नागरिकों और भाजपा कार्यकर्ताओं का हाथ जोड़ कर अभिवादन करते रहे। विदेशी मेहमानों को भव्यतम देव दीपावली का नजारा दिखाने के लिए काशी विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार पर लेजर शो के माध्यम से धाम पर आधारित काशी का महत्व और कॉरिडोर के निर्माण संबंधित जानकारी दी गई।
उत्तरवाहिनी गंगा के तट के 85 घाटों पर 12 लाख और जन सहभागिता से लगभग 21 लाख से अधिक दीप जलाए गए। गंगा घाटों को तिरंगा स्पाइरल लाइटिंग थीम पर सजाया गया। गंगा पार रेत पर शिव के भजनों के साथ क्रैकर्स शो का आकर्षण भी लोगों में दिखा। नमोघाट पर जैसे ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पर्व पर पहला दिया जलाया। इसके साथ ही गंगा घाटों, किनारे के भवनों पर आकर्षक विद्युत झालरों की संतरंगी रोशनी में लाखों लाख हाथों ने दिये जला घाटोें पर देवलोक का नजारा बना दिया। गंगा के साथ आकाशगंगा के मिलन की घड़ी देखने के लिए दोपहर बाद से ही काशी के घाटों पर लोगों की भीड़ जुटने लगी थी। दिन ढलने तक घाट किनारे की सीढ़ियां, भवनों के छज्जे और छत यहां तक कि सीढ़ियों तक लोगों ने अपनी जगह सुरक्षित कर ली थी। हजारों लोग गंगा की लहरों पर तैरती छोटी-बड़ी नौकाओं,बजड़ों पर सवार शाम ढलने की प्रतीक्षा कर रहे थे।
– सजावट और सुरक्षा के किये गए हैं पुख़्ता इंतज़ाम
भारत की आध्यात्मिक राजधानी काशी में अर्धचंद्राकार घाटों पर होने वाले भव्य देव दीपावली की पहचान अब प्रदेश के मेले के रूप में हैं। प्रदेश सरकार ने देवताओं के उत्सव देव दीपावली को राजकीय मेला घोषित कर दिया है। देव दीपावली पर्व पर शासन के निर्देश पर गंगाघाटों पर रंगोली, फसाड लाइट व झालरों से सजावट किया गया। लाखों पर्यटकों और नागरिकों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतज़ाम रहा । ड्रोन उड़ान पर पूरी तरह ऱोक लगाने के साथ जिले की सीमा पर भी चौकसी रही। घाटों पर वाच टावर से निगरानी हो रही थी। पर्यटकों की भारी संख्या को देखते हुए अस्पतालों में बेड रिज़र्व कर चिकित्सकों की टीम को अलर्ट रखा गया । गंगा में फ्लोटिंग डिवाइडर बनाए थे। नाविकों को निर्धारित संख्या में पर्यटकों को बैठाने व लाइफ जैकेट पहनने की हिदायत रही। एनडीआरएफ की 8 टीमें विभिन्न घाटों पर बचाव उपकरणों, मेडिकल टीम “वाटर एम्बुलेंस” के साथ अलर्ट रही। जल पुलिस के जवान भी गंगा में गश्त करते रहे।
पुलिस अफसरों ने दशाश्वमेघ घाट पर आ रही भीड़ को रोक उन्हें दूसरे घाटों की ओर डायवर्ट कर दिया।
-दशाश्वमेध घाट की गंगा महाआरती में दिखी राम भक्ति और राष्ट्रवाद की झलक
देव दीपावली पर्व पर आध्यात्मिकता के साथ राष्ट्रवाद व सामाजिकता की भी झलक देखने को मिली। दशाश्वमेध घाट की गंगा महाआरती रामलला को समर्पित रही। यहां आरती में रामलला व राम मंदिर की झलक दिखी। दशाश्वमेध घाट पर गंगा सेवा निधि की ओर से अमर जवान ज्योति की अनुकृति लोगों को अपनी ओर खींचती रही। घाट पर 21 अर्चक व 51 देव कन्याएं रिद्धि सिद्धि के रूप में महाआरती में शामिल होकर नारी शक्ति का संदेश देती रही। काशी में माना जाता है कि देव दीपावली पर्व पर अदृश्य रूप में स्वर्ग लोक से देवता पृथ्वी लोक पर आते है। इसलिए आज के दिन घाटों पर दीपदान भी किया जाता है। गंगा तट के किनारे श्रद्धालु देवताओं के नाम से दीप जलाते हैं।