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नई दिल्ली (ईएमएस)। इसरो के बाद चांद पर पड़ोसी मुल्क चीन नया इतिहास दर्ज करने जा रहा है। भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर यान उतारकर दुनिया को चौंका दिया था। भारत का चंद्रयान-3 चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला अंतरिक्ष यान है। वहीं, चांद पर अपना यान उतारकर भारत ने रूस, अमेरिका और चीन की भी बराबरी कर ली है। इसरो अब चांद से सैंपल लाने की तैयारी कर रही है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के साथ इस मिशन में इसरो का लक्ष्य कुछ साल में चंद्रयान-4 लांच करने की है। इसमें यान को दक्षिणी ध्रुव पर ही उतारा जाएगा। चांद से सैंपल लाने के अलावा यान चंद्रयान-3 की डीटेल भी लेगा। रिपोर्ट है कि चीन इसरो से पहले ऐसा कारनामा करने की तैयारी में हैं, इतना ही नहीं इस मिशन में पाकिस्तान भी उसकी मदद कर रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी अधिकारियों का कहना है कि चंद्रमा से नमूने को एकत्र करके वापस लाने के लिए चीन का चंद्र मिशन अगले साल के लिए तैयार है। चीन की योजना हैं कि वहां चांद के दक्षिणी ध्रुव पर अपने यान को लैंड कराए। इसके लिए बीजिंग सरकार दशक भर से अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर भेजने और एक अंतरराष्ट्रीय चंद्र अनुसंधान स्टेशन बनाने की अपनी महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रही है। इस काम में उसके साथ पाकिस्तान भी है।
चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन (सीएनएसए) ने कहा, नया मिशन अगले साल के लिए तय किया गया है। इस मिशन को चांगई-6 का नाम दिया गया है। इसकी तैयारी समय अनुसार आगे बढ़ रही है। मिशन के साथ उपग्रह को अगले साल की पहली छमाही में तैनात किया जाएगा।
चांद पर चीन के मिशन दुनिया के बाकी देशों के मुकाबले कहीं ज्यादा एडवांस है। चीन पहला देश है, जिसने 2019 में चांद के सुदूर इलाकों में लैंडिंग कराई थी। चीन ने पिछले साल ही एक अंतरिक्ष स्पेस सेंटर भी तैयार कर लिया है। इस स्टेशन को चीन ने तियांगोंग नाम दिया है। अगले साल चीन चांद से सैंपल जुटाने की योजना पर काम कर रहा है। इसके लिए उसने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग की योजना बनाई है।