उत्तरकाशी, (हि.स.)। सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों की जिंदगी बचाने का अभियान अब आखिरी पड़ाव पर है। उम्मीद की जा रही है सबकुछ ठीक-ठीक रहा तो शुक्रवार को सभी मजदूर सही-सलामत बाहर आ जाएंगे। इस रेस्क्यू ऑपरेशन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पल-पल नजर रख रहे हैं।
ऑगर ड्रिलिंग मशीन के प्लेटफार्म के नीचे हो रही कैंकरीटिंग के चलते कल कार्य रोक दिया गया था। इस बचाव अभियान में ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके बारे में स्क्वाड्रन इंफ्रा माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड के एमडी और सीईओ सिरिएक जोसेफ कहते हैं कि यह ड्रोन तकनीक नवीनतम है। यह ड्रोन सुरंग के अंदर जा सकता है। जिन क्षेत्रों में जीपीएस काम नहीं करता इसकी पहुंच वहां भी है।
अब तक, बचावकर्मी सिल्कयारा सुरंग में 46.8 मीटर तक ड्रिल कर चुके हैं। अब से कुछ समय बाद रेस्क्यू ऑपरेशन दोबारा शुरू होने की उम्मीद है। ऑस्ट्रेलिया के अंतरराष्ट्रीय टनल एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स का कहना है कि हम लोग अब बिल्कुल दरवाजे पर खड़े हैं।