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15 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारेगा ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी : मुख्यमंत्री

लखनऊ, (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 39 लाख 52 हजार करोड़ रुपये के औद्योगिक निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारने की तैयारी तेज कर दी है। शुक्रवार को विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव तथा औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के सीईओ के साथ विशेष बैठक कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभागवार और जनपदवार निवेश प्रस्तावों की समीक्षा की और क्रियान्वयन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 (जीआईएस) के बाद अब तक 08 माह में एमओयू के क्रियान्वयन के लिए किए गए प्रयासों के बाद 8000 से अधिक परियोजनाएं जमीन पर उतरने को तैयार हैं। हमें न्यूनतम 15 लाख करोड़ की औद्योगिक परियोजनाओं के साथ ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का आयोजन करना चाहिए। इस लक्ष्य के साथ सभी विभाग तैयारी तेज कर दें।

उन्होंने कहा कि सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव अपने विभागीय मंत्रीगण के नेतृत्व में अपने सम्बंधित विभागों को प्राप्त हर एक औद्योगिक निवेश प्रस्ताव की तत्काल समीक्षा करें। औद्योगिक विकास एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति सहित सभी सेक्टोरल नीतियों का लाभ निवेशकर्ता को बिना विलंब, न्यूनतम ह्यूमन इन्टरफेयरेन्स के मिलना चाहिए। हर एक निवेशक का ध्यान रखें। उन्हें कहीं कोई असुविधा न हो और निवेश प्रस्ताव सरलता के साथ क्रियान्वित हो।

नवगठित बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण को शीघ्र क्रियान्वित करने का निर्देश

मुख्यमंत्री ने नवगठित बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) को शीघ्र क्रियान्वित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण में 36000 एकड़ भूमि अधिग्रहण किया जाना है। यहां सीईओ व अन्य मानव संसाधन की तैनाती तत्काल कर दी जाए। यह प्रयास प्रदेश में बुंदेलखंड के विकास को एक नई ऊंचाई देने वाला होगा।

योगी ने कहा कि उद्योगों के लिए भूमि प्राथमिक आवश्यकता है। भूमि अधिग्रहण के लिए नवगठित बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) सहित विभिन्न प्राधिकरणों को आवश्यक धनराशि जारी की गई है। इनका यथोचित उपयोग करते हुए लैंडबैंक का विस्तार किया करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेशकों की आवश्यकता और प्रदेशहित का ध्यान रखते हुए औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के अधिसूचित क्षेत्रों में राजस्व संहिता की धारा 80 के अंतर्गत भूमि उपयोग परिवर्तन की अनुमति दिए जाने पर यथोचित विचार करते हुए उचित निर्णय लिया जाए। अनेक आवासीय परियोजनाएं पूर्ण होने के बाद भी अधिभोग प्रमाण पत्र अथवा पूर्णता प्रमाण पत्र औद्योगिक विकास प्राधिकरण के स्तर पर लंबित हैं। यह स्थिति ठीक नहीं। तत्काल निर्णय लेकर नियमानुसार प्रमाण पत्र जारी करें।

गैर पारंपरिक ऊर्जा विकल्पों को प्रोत्साहन देने के क्रम में उन्होंने यथाशीघ्र प्रदेश की ग्रीन हाइड्रोजन नीति जारी करने का निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग, ग्रीन एनर्जी, ईवी, टेक्सटाइल, डेटा सेंटर, फ़ूड प्रोसेसिंग, सर्कुलर इकॉनमी, स्वास्थ्य, शिक्षा सहित हर सेक्टर में उद्यमियों ने रुचि दर्शायी है। निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारने के लिए यह अति आवश्यक है कि निवेशकर्ता से सतत संवाद-संपर्क बनाए रखा जाए। उनकी जरूरतों, अपेक्षाओं का तत्काल समाधान हो। एनओसी व क्लीयरेंस देने में अनावश्यक देरी न हो।

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