चंडीगढ़ (हि.स.)। दीपावली के दिन जहां हर तरफ धूम होती है वहीं पंजाब के मोहाली जिले में एक गांव ऐसा भी है जहां दीपावली पूरे भारत से हटकर दूसरे दिन मनाई जाती है। गावं में यह परंपरा पिछले 100 वर्षों से चली आ रही है।
अन्य शहरों व इलाकों के लोग दिवाली का त्योहार उसी दिन मनाते हैं जिस दिन कलेंडर पर तारीख लिखी होती है। मोहाली के साथ सटे यह गांव चिल्ला के लोग दिवाली का त्योहार एक दिन बाद मनाते हैं। इस गांव के लोग दिवाली के दिन कुछ नहीं करते हैं जबकि एक दिन बाद अपने घरों में दिवाली पूजन करते हैं और पटाखे चलाते हैं।
गांव निवासी वरिष्ठ लेखक एवं बुद्धिजीवी कर्मजीत सिंह चिल्ला के अनुसार उनके गांव में पिछले करीब 100 वर्षों से दिवाली अगले दिन ही मनाई जाती है। उन्होंने बताया कि पिछले करीब 100 से ज्यादा साल पहले दिवाली के दिन जंगल में चरने गई गांव की सभी गांय गांव से एकदम गायब हो गई थी। गायों के उन जत्थों में गांव के लगभग सभी लोगों की एक या दो गायें व भैंसे थी।
पूूरा दिन लोग अपने पशुओं को ढूंढते रहे, लेकिन रात तक पशु नहीं मिले। उस दिन पूरे गांव ने दिवाली नहीं मनाई। अगले दिन सभी पुश मिल गए। उनके मिलने के बाद ही लोगों ने दीपावली की पूजा की। तब से अब तक गांव में एक दिन बाद ही दीपावली का त्योहार मनाया जाता है।