– नवंबर के पहले पखवाड़े तक पहाड़ी स्थलों की यात्रा करना सुरक्षित
कानपुर (हि.स.)। पश्चिमी विक्षोभ की तीव्रता और आवृत्ति काफी कम हो गई है। पश्चिमी हिमालय में मौसम पूरी तरह से शुष्क हो गया है और अगले एक सप्ताह तक उत्तर भारत की पहाड़ियों के पास किसी भी सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के आने की संभावना नहीं है। यह जानकारी रविवार को चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कानपुर के मौसम वैज्ञानिक डॉ.एस.एन.सुनील पांडेय ने दी।
उन्होंने बताया कि मौसम विभाग का ऐसा अनुमान है कि तीन नवंबर से मध्यम तीव्रता का पश्चिमी विक्षोभ हिल्स के पास आने की संभावना है। पहाड़ों पर हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी हो सकती है। गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, लद्दाख, जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में बारिश की गतिविधियां बढ़ सकती हैं। उत्तराखंड में भी हल्की बारिश और बर्फबारी हो सकती है।
पश्चिमी विक्षोभ की आवृत्ति आमतौर पर नवंबर के तीसरे सप्ताह तक तीव्र हो जाती है और दिसंबर और जनवरी में इसकी तीव्रता चरम पर होती है। हमें नवंबर के दूसरे सप्ताह तक पहाड़ियों पर भूस्खलन या हिमस्खलन की किसी भी घटना की उम्मीद नहीं है। इसलिए, नवंबर के पहले पखवाड़े तक पहाड़ी स्थलों की यात्रा करना सुरक्षित है।