कानपुर। दिवाली से पहले आयकर की राडार पर आये शहर के कई बड़े रइसजादों पर आयकर विभाग ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। शहर के सबसे प्रतिष्ठत वनस्पति तेल का कारोबार करने वाले मयूर ग्रुप में एक साथ आयकर विभाग ने छापेमारी की। यह छापेमारी इतनी गोपनीय थी कि खुद कम्पनी के मालिकों को दो घंटे बाद पता चला उनकी सभी ठिकानों पर छापेमारी चल रही है। सुबह आयकर विभाग ने 35 ठिकानो पर करीब डेढ़ सौ से अधिक आयकर अफसरों के साथ छपेमारी की। इसमें कानपुर के सिविल लाइन, शक्करपट्टी समेत 20 और मध्य प्रदेश के 15 प्रतिष्ठानों पर एक साथ कार्रवाई की। कानपुर स्थित आवास, कापोर्रेट कार्यालय, फैक्टरी में कार्रवाई की गई। सुबह छह बजे से कार्रवाई जारी है। बता दें कि मयूर ग्रुप वनस्पति तेल, फूड आइटम्स और पैकेजिंग का काम करते हैं।छापेमारी कानपुर समेत यूपी में करीब 20 और मध्य प्रदेश के 15 ठिकानों पर कार्रवाई जारी है।
सिविल लाइन स्थित मयूर ग्रुप की कोठी 5 मंजिला बेहद आलीशान बनाई गई है। सूत्रों के मुताबिक यहां 2 दर्जन से अधिक आयकर अधिकारियों की टीमें मौजूद हैं। आयकर अधिकारियों ने तब छापेमारी की हैवहीं कानपुर देहात के रनियां क्षेत्र में मयूर ग्रुप की सबसे बड़ी फैक्ट्री है। मयूर ग्रुप ने फैक्ट्री के आसपास भी 1000 एकड़ से ज्यादा जमीनों की खरीद फरोख्त की है। वहीं आयकर सूत्रों के मुताबिक कंपनी में बड़े पैमाने पर आयकर चोरी की जा रही थी। करीब 1 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का आयकर चोरी की बात फिलहाल सामने आ रही है।
-पाँच मंजिला आलीशान कोठी में 2 दर्जन से अधिक अधिकारी
सिविल लाइन स्थित मयूर ग्रुप की कोठी पाँच मंजिला बेहद आलीशान बनाई गई है। सूत्रों के मुताबिक यहां 2 दर्जन से अधिक आयकर अधिकारियों की टीमें मौजूद हैं। आयकर अधिकारियों ने तब छापेमारी की है, जब कंपनी के दोनों डायरेक्टर इसी आलीशान कोठी में मौजूद हैं। बता दें कि मयूर ग्रुप वनस्पति तेल, फूड आइटम्स और पैकेजिंग का काम करते हैं।
रनियां स्थित औद्योगिक क्षेत्र में खड़ा किया साम्राज्य
कानपुर देहात के रनियां क्षेत्र में मयूर ग्रुप की सबसे बड़ी फैक्ट्री है। मयूर ग्रुप ने फैक्ट्री के आसपास भी 1000 एकड़ से ज्यादा जमीनों की खरीद फरोख्त की है। वहीं आयकर सूत्रों के मुताबिक कंपनी में बड़े पैमाने पर आयकर चोरी की जा रही थी। हालांकि अधिकारियों ने दस्तावेजों को खंगालना शुरू कर दिया हैं। रनियां स्थित फैक्ट्री में भी आयकर की टीम मौजूद है।
-2019 में भी हुई ग्रुप पर कार्रवाई
25 फरवरी 2019 को डीआरआई (राजस्व खुफिया निदेशालय) कोलकाता और लखनऊ की टीमों ने मयूर वनस्पति के निर्माता सुनील गुप्ता और सुरेश गुप्ता के सिविल लाइंस स्थित आवास पर संयुक्त रूप से छापा मारा था। इसमें पता चला था कि कारोबारी बांग्लादेश के रास्ते थाईलैंड से कच्चा माल (वनस्पति ऑयल) मंगाते थे। थाईलैंड से सीधे आयात पर टैक्स अधिक है, इसलिए इस रास्ते का इस्तेमाल किया जा रहा था। मामले में कंपनी के एक संचालक को गिरफ्तार भी किया गया था।
– 2021 में हो चुकी है छापेमारी
मयूर वनस्पति के ठिकानों 30 दिसंबर 2021 को भी DGGI लखनऊ के छापे में आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) में बड़ी गड़बड़ी पकड़ी गई थी। चार साल पुराने इस मामले में कंपनी के मालिक सुनील गुप्ता और सुरेश गुप्ता भी फंसे थे। वर्ष 2019 में डीआरआई ने (राजस्व खुफिया निदेशालय) ने मयूर वनस्पति पर छापा मारकर कंपनी के एक निदेशक को गिरफ्तार भी किया था।