नई दिल्ली (ईएमएस)। दुनिया में एक नई बीमारी को लेकर हड़कंप मचा हुआ है। दरअसल इन दिनों सोशल मीडिया पर एक नई बीमारी को लेकर काफी चर्चा हो रही है। शीर्ष वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने बीमारी के बारे में रिपोर्टों के व्यापक प्रसार के बाद स्पष्ट किया है कि यह एक काल्पनिक बीमारी है। जिसे वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने ‘एक्स’ नाम दिया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा नई महामारी को ‘डिजीज एक्स करार दिया गया है। हालांकि आम जनता को गलती से इस कोविड-19 के बाद की एक नई बीमारी के रूप में समझने का कारण बना दिया। अशोका यूनिवर्सिटी के डीन, बायोसाइंसेज एंड हेल्थ रिसर्च डॉ. अनुराग अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि डिजीज एक्स एक नए रोगजनक का ‘एक काल्पनिक रोग’ है जो एक नई महामारी का कारण बनता है जो पिछले वाले की तुलना में अधिक गंभीर है। नए शब्द की व्याख्या करते हुए डॉ. एनके अरोड़ा ने डिजीज एक्स और एक घुसपैठिए या चोर के बीच तुलना की। उन्होंने कहा कि यह किसी के घर में एक चोर की तरह घुसपैठ करता है। वैक्सीनेशन पर नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी के प्रमुख अरोड़ा ने कहा, वह चोर कभी भी आपके घर में प्रवेश नहीं कर सकता है, लेकिन तैयारी में, आप सीसीटीवी कैमरे लगाएं, घर पर ताला लगाएं, एक कुत्ता खरीदें और हथियार तैयार रखें।
वहीं, ब्रिटेन स्थित एक विशेषज्ञ का चेतावनी भरा बयान लोगों के बीच चिंता पैदा करने वाला है। यूके के वैक्सीन टास्कफोर्स की अध्यक्षता करने वाली डेम केट बिंघम ने कहा, ‘अगली महामारी 50 मिलियन लोगों की जान ले सकती है। उन्होंने कहा, ‘दुनिया को बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन अभियान के लिए तैयार रहना होगा और रिकॉर्ड समय में खुराक देनी होगी… कल्पना कीजिए कि रोग एक्स, इबोला की मृत्यु दर (67 प्रतिशत) के साथ खसरे जितना ही संक्रामक है। दुनिया में कहीं न कहीं इसकी नकल हो रही है और देर-सबेर कोई न कोई बीमार महसूस करने लगेगा।
देश के शीर्ष महामारी विशेषज्ञ डॉ. रमन गंगाखेड़कर ने बताया कि डिजीज एक्स से संबंधित घबराहट या तनाव को कम करने की जरूरत है! उन्होंने कहा कि काल्पनिक रोगजनकों के बारे में जागरूक होने की जरूरत पहले से कहीं अधिक है। उन्होंने आगे कहा, ‘जलवायु परिवर्तन के कारण’ जूनोटिक रोगों से फैलने का खतरा नाटकीय रूप से बढ़ रहा है। इससे जंगल भी प्रभावित हो रहे हैं जिससे जानवरों से मनुष्यों में संक्रमण बढ़ेगा।