Gurugram News : कुछ बच्चे चौराहों पर नट का खेल दिखाते हुए मिलते हैं तो कुछ धूप में घूमकर सामान बेचते हुए मिल जाते हैं। इन बच्चों के मां-बाप या भीख मंगवाने वाला आदमी आसपास ही रहता है। ऐसे आदमियों को पकड़कर उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। हरियाणा बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य अनिल कुमार ने आज बाल कानूनी अधिकारों के लिए स्थानीय रेस्ट हाऊस में हुई बैठक में ये निर्देश दिए।
छात्रों को लेकर लिए गए अहम निर्णय
हरियाणा बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य अनिल कुमार ने कहा कि गुरुग्राम जिले में कहीं भी बाल मजदूरी का मामला मिलता है तो फौरन उसके नियोक्ता के विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए। जिले में एक भी बाल श्रम का केस नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि छात्र की परीक्षा मार्च में होती है। दो-तीन महीने बाद बोर्ड का रिजल्ट आने पर वह अपना स्कूल बदलना चाहे तो कोई भी स्कूल संचालक उससे एसएलसी के नाम पर फीस नहीं ले सकता। यह शिक्षा के अधिकार आरटीई एक्ट की अवहेलना है।
बच्चों की काउंसलिंग के लिए हो अलग कमरा
अनिल कुमार ने कहा कि स्कूल में अध्यापक का व्यवहार बच्चों के साथ शालीन होना चाहिए। यह नहीं कि बच्चे को बार-बार अपमानित किया जाए या उसके अभिभावकों के बारे में कुछ कहा जाए। जिला बाल संरक्षण अधिकारी और शिक्षा अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि स्कूल में बच्चों का टायलेट साफ हो और पानी की टंकी की नियमित रूप से सफाई होनी चाहिए। वहीं, आयोग के सदस्य श्याम सुंदर शुक्ला ने कहा कि बाल अधिकारों के लिए जिलास्तर पर बनाई गई जिला टास्क फोर्स धरातल पर काम करे और जो भी एजेंडा तैयार किया जाए, उसे लागू भी किया जाए। उन्होंने कहा कि महिला पुलिस थानों में भी बच्चों की काउंसलिंग के लिए एक अलग कमरा होना चाहिए।