लखनऊ में पुलिस मुख्यालय पर राज्य स्तरीय रेलवे सुरक्षा समिति (एसएलएससीआर) की नौवीं त्रैमासिक गोष्ठी में डीजीपी विजय कुमार ने यूपी की सभी ट्रेनों को सीसीटीवी से कवर करने के निर्देश दिए।
उन्होंने रेलवे में अपराध की रोकथाम के लिए ठेकेदारी के अधीन कार्य करने वाले अनुबंधित रेलकर्मियों के पुलिस वेरिफिकेशन कराने, अवैध वेंडरों को रोकने और वैध वेंडरों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया।
प्रदेश के रेलवे स्टेशनों पर एकीकृत सुरक्षा प्रणाली और निर्भया फंड से ये कैमरे लगेंगे। इस पूरी कवायद को अयोध्या में महिला सिपाही के साथ हुई घटना से जोड़कर बताया जा रहा है।
रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा उपकरण बढ़ाने के निर्देश
डीजीपी ने बैठक में महिला अपराधों की रोकथाम के लिए विशेष रूप से सतर्कता बरतने की बात कहते हुए कहा कि CCTV कैमरों एवं बैगेज स्कैनर की संख्या बढ़ाई जाए। महत्वपूर्ण स्टेशनों जैसे अयोध्या, वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, लखनऊ पर विशेष रूप से CCTV एवं अन्य सुरक्षा उपकरण स्थापित किए जाएं।
जिससे आतंकवादी व रेलवे ट्रैक को क्षतिग्रस्त करने वाली घटनाओं, जाली मुद्रा, मादक व विस्फोटक पदार्थों को लाने-ले जाने, मानव तस्करी पर अंकुश लग सके। इसके साथ ही इनकी रोकथाम के उपायों पर भी चर्चा हुई।
ट्रेनों पर पत्थरबाजी पर अंकुश लगाने के लिए उठाए ठोस कदम
नोडल अधिकारी एडीजी जीआरपी जय नरायण सिंह ने ट्रेनों पर पत्थरबाजी व रेलवे ट्रैक को क्षतिग्रस्त करने की घटनाओं को रोकने के लिए आरपीएफ, सिविल पुलिस और जीआरपी को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता की बात कही।
साथ ही रेल यात्रियों को जागरूक करने हेतु ट्रेन के कोच की दीवारों, स्टेशन, प्लेटफॉर्म, सर्कुलेटिंग एरिया में स्टिकर, पोस्टर, बैनर, पीए सिस्टम तथा ब्लूटूथ स्पीकर के माध्यम से रेलवे / पुलिस के हेल्पलाइन नंबर एवं यात्रा के समय सावधानी के संबंध में दिये गये निर्देश के प्रचार-प्रसार करने की बात कही।
बैठक में आईबी के संयुक्त निदेशक जर्नादन सिंह, एडीजी एटीएस मोहित अग्रवाल, आईजी रेलवे सत्येंद्र कुमार सिंह, आईजी रेलवे लखनऊ तारिक अहमद समेत रेलवे व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी मौजूद रहे।