यूपी में दो दिन की जोरदार बारिश के बाद मानसून फिर थम गया। बुधवार को प्रदेश के 17 जिलों में बारिश का अलर्ट है। बाराबंकी में 330 मिमी रिकॉर्ड बारिश के बाद वहां बाढ़ जैसे हालत हैं। वहां लगातार 3 दिनों से स्कूल बंद हैं। शहर के रिहायशी इलाके में पानी भरा है। प्रशासन जगह-जगह पंप लगाकर पानी बाहर निकालने का कोशिश कर रहा है।
एनडीआरएफ ने बाढ़ प्रभावित इलाके से 620 लोगों को रेस्क्यू किया है। रेस्क्यू ऑपरेशन आज भी चलाया जाएगा। अभी 2000 लोगों के फंसे होने की आशंका है। प्रशासन ने लोगों को बेवजह बाहर न निकलने की अपील की है। एनडीआरएफ के साथ ही एसडीआरएफ, फ्लड यूनिट की बटालिययन भी रेस्क्यू में लगी है।
उधर, मौसम विभाग ने 17 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया है। इनमें आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, कानपुर देहात, जालौन, झांसी, ललितपुर, महोबा, बांदा, फतेहपुर, चित्रकूट, कौशांबी, प्रयागराज, मिर्जापुर और सोनभद्र में बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया गया है।
17 सितंबर तक बारिश का पूर्वानुमान
कानपुर की सीएसए यूनिवर्सिटी के मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय के मुताबिक, 17 सितंबर तक बारिश की संभावना बनी हुई है। हालांकि, तापमान में कोई खास वृद्धि नहीं होगी। वहीं एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर समुद्र तल से 3.1 से 7.6 किमी के बीच ऊंचाई के साथ दक्षिण की ओर झुका हुआ है।
इसके प्रभाव से अगले 48 घंटों के दौरान उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। जिससे बारिश की एक्टिविटी बढ़ सकती हैं।
अच्छी बारिश के बाद भी 38 जिले सूखे की कगार पर
सामान्य मानसून की बारिश के बावजूद यूपी के 38 जिले सूखे की कगार पर पहुंच चुके हैं। अब लौटता हुआ मानसून ज्यादा बारिश की उम्मीद खो चुका है। ऐसे में रेड जोन वाले जिले सूखाग्रस्त घोषित किए जा सकते हैं। 1 जून 2023 से 12 सितंबर तक बारिश के जो आंकड़े सामने आए हैं, वो चौंकाने वाले हैं। हालांकि सितंबर में बीते 3 दिनों में हुई बारिश ने भी खास फर्क नहीं डाला।
बाराबंकी में मूसलाधार बारिश के बाद बाढ़ आ गई है। शहर पानी से घिरकर टापू बन गया है। ड्रोन से लिए गए नजरों में पूरा शहर पानी में डूबा दिख रहा है। लोग छतों पर गुजारा कर रहे हैं। NDRF और SDRF मोर्चा संभाले है। फंसे लोगों का रेस्क्यू किया जा रहा है।
IMD के आंकड़ों के मुताबिक, गाजियाबाद (47%), बुलंदशहर (24%), पीलीभीत (42%), श्रावस्ती (31%), उन्नाव (46%), कानपुर देहात (21%), औरैया (32%), बस्ती (37%), गोरखपुर (24%), अंबेडकर नगर (24%), देवरिया (31%), कानपुर (23%), वाराणसी (34%), सोनभद्र (30%), सिद्धार्थ नगर (35%), आजमगढ़ (30%), सुल्तानपुर (32%), अमेठी (22%), कौशांबी (53%), प्रयागराज (46%), मिर्जापुर (22%), जौनपुर (49%), बलिया (57%), लखनऊ (13%), देवरिया में 31% औसत से कम बारिश दर्ज की गई। कम बारिश होने की वजह से ये जिले रेड जोन में हैं।
छोटे जिलों में हुई औसत से ज्यादा बारिश
इस बार मानसून यूपी के छोटे जिलों पर ज्यादा मेहरबान रहा। एटा जिले में इस सीजन यूपी में सबसे ज्यादा बारिश हुई। यहां मानसून में 798.8 मिमी बारिश हुई, जो औसत से 82% ज्यादा है। इसके बाद बिजनौर में 30%, मेरठ में 28%, सहारनपुर में 21%, मुजफ्फरनगर में 44%, संभल में 28%, कन्नौज में 31%, मैनपुरी में 25%, बाराबंकी में 32% ज्यादा बारिश दर्ज की गई।