Breaking News

टीबी को हराने के लिए फैमिली केयरगिवर तैयार करेगी योगी सरकार, जानिए क्या है प्लान

लखनऊ (हि.स.)। देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने को लेकर योगी सरकार नित नई पहल कर रही है। योगी सरकार राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत अब टीबी मरीजों की समुचित देखभाल के लिए फैमिली केयरगिवर कार्यक्रम शुरू करने जा रही है।

स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने शुक्रवार को बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के देश को टीबी मुक्त बनाने के विजन को मिशन के रूप में अपनाकर काम किया जा रहा है। इसी उद्देश्य के साथ योगी सरकार अब टीबी रोगियों के परिवार के सदस्यों या रोगी के करीबी लोगों में से प्राथमिक देखभालकर्ता (केयरगिवर) की पहचान करने और उन्हें प्रशिक्षण देने की तैयारी कर रही है।

उन्होंने बताया कि इस पहल के तहत स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा प्रत्येक टीबी रोगी के लिए परिवार से एक जिम्मेदार देखभालकर्ता की पहचान की जाएगी। उन्हें टीबी रोगी के साथ अस्पताल जाने के लिए कहा जाएगा और इस दौरान रोगी की देखभाल के प्रमुख पहलुओं, उपचार और उसके अनुपालन पर स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इससे उपचार के नियमों के पालन सहित स्वस्थ व्यवहार अपनाने के लिए टीबी रोगियों और उनके परिवार के सदस्यों का आत्मविश्वास बढ़ेगा। परिवार के सदस्यों और समुदाय में टीबी पर जानकारी और जागरुकता बढ़ेगी। इसके अलावा बेहतर सहयोग प्रदान करने के लिए समुदाय की क्षमता में वृद्धि होगी।

परिवार के सदस्यों की भूमिका को मजबूत करना उद्देश्य

डीजी हेल्थ डॉ. दीपा त्यागी ने बताया कि ‘गाइडेंस डॉक्यूमेंट ऑन इंगेजिंग फैमिली केयरगिवर्स फॉर सपोर्टिंग पर्सन्स विद ट्यूबरक्लोसिस’ के अनुसार कई अध्ययनों से पता चला है कि पारिवारिक देखभाल से रोगी और देखभाल करने वाले के सम्बन्ध बेहतर होते हैं और देखभालकर्ता का आत्मविश्वास बढ़ता है। देखभाल करने वाले कठिन परिस्थितियों को संभालना सीखते हैं, जिससे उनमें संतुष्टि का भाव आता है और इसका सीधा प्रभाव रोगी के स्वास्थ्य परिणाम पर पड़ता है। उन्होंने बताया कि फैमिली केयरगिवर कार्यक्रम का उद्देश्य प्राथमिक देखभालकर्ताओं के रूप में परिवार के सदस्यों की भूमिका को मजबूत करना, देखभाल, रोकथाम के विभिन्न पहलुओं में उनकी क्षमताओं का निर्माण करना और रोगियों के सफल परिणाम सुनिश्चित करने के लिए परिवारों को आवश्यकता-आधारित सहायता प्रदान करना है। यह टीबी मरीज के लिए बेहद मददगार साबित हो सकता है।

पारिवारिक देखभालकर्ता के चयन के लिए दिशा-निर्देश

– कोई भी व्यक्ति जिसकी आयु 14 वर्ष से अधिक हो एवं लिखना-पढ़ना जानता हो

– जो अधिकतर समय मरीज के साथ रहता हो

– जो रोगी की देखभाल की जिम्मेदारी लेने को तैयार हो और परिवार की देखभाल करने वाला बनने के लिए सहमत हो

– देखभाल करने वाले का मरीज का रिश्तेदार होना जरूरी नहीं है

– पारिवारिक देखभालकर्ता का चयन केवल मरीज द्वारा किया जाएगा

देखभाल के नियम और जिम्मेदारियां

– सीएचओ/टीबी चैम्पियन के निर्देशानुसार टीबी रोगियों की देखभाल एवं उनके द्वारा अनुभव किये गए साइड इफेक्ट की निगरानी करना। उपचार प्राप्त करने के लिए टीबी रोगियों को प्रोत्साहित करना

– प्रगति रजिस्टर में उपचार पालन को अंकित करना

– परिवार के अन्य सदस्यों में टीबी के लक्षणों की नियमित निगरानी करना

– हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर या अन्य स्वास्थ्य इकाइयों में रोगियों को नियमित फॉलोअप व जांच के लिए भेजना

– रोगियों को पोषण सम्बन्धी सहायता के साथ आहार निगरानी प्रदान करना

Check Also

उप चुनाव खत्म होते ही जीत-हार का लगाने लगे गुणा-गणित, बसपा की निष्क्रियता पर भी लग रहीं अटकलें

लखनऊ । नौ विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के बाद सभी राजनीतिक दल जीत-हार का …