शनिदेव का नाम सुनते ही लोगों के मन में डर बैठ जाता है। लोग शनिदेव को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए तरह-तरह के कार्य और उपाय करते हैं। शनिदेव आखिर किन कारणों से नाराज हो जाते हैं और उससे कैसे बचा जा सकता है। आज हम आपको यह बताने जा रहे हैं।
शनि देव को किस बात से आता है गुस्सा
- शनिवार को भूलकर भी लोहे की कोई भी वस्तु नहीं खरीदना चाहिए। वरना इससे शनिदेव नाराज हो जाएंगे।
- शनिवार के दिन नमक भी नहीं खरीदना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि शनिवार के दिन नमक खरीदने से मनुष्य पर कर्ज बढ़ता है और आर्थिक स्थिति भी दिन पर दिन कमजोर होने लगती है।
- शनिवार के दिन कैंची की खरीदारी भी नहीं करनी चाहिए। इसके साथ ही इस दिन कैंची किसी को उपहार में भी मत दीजिए। ऐसा माना जाता है कि शनिवार के दिन कैंची का लेनदेन करने से लड़ाई झगड़े होने लगते हैं।
- जो व्यक्ति अपने से बड़ों का सम्मान नहीं करते, उनसे शनिदेव बहुत ही जल्द नाराज हो जाते हैं। सिर्फ शनिवार के दिन ही नहीं बल्कि कभी भी बड़ों का अपमान नहीं करना चाहिए वरना इसके कारण शनिदेव की क्रूर दृष्टि का सामना करना पड़ सकता है।
- जो लोग पैर घसीटकर चलते हैं उनसे शनिदेव नाराज रहते हैं। ऐसे लोगों के बनते बनते काम भी बिगड़ने लगते हैं।
- आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि रसोईघर में जूठे बर्तन बिल्कुल भी ना छोड़े। अगर आप ऐसा करते हैं तो इससे शनिदेव आपसे नाराज हो जाएंगे। ऐसा करने वाले लोगों के जीवन में शनि देव मुश्किलें बढ़ा देते हैं।
शनिदेव की पूजा किस समय करें
वहीं अगर हम बात करें कि शनिदेव की पूजा किस समय करनी चाहिए तो शास्त्रों में बताया गया है कि शनि देव पश्चिम दिशा के स्वामी माने गए हैं। वहीं सूरज पूर्व दिशा की तरफ से निकलता है और ऐसे में पूर्व दिशा की और शनिदेव की पीठ पड़ती है, जिसकी वजह से शनिदेव की पूजा सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के पश्चात की जाती है।
अगर सूर्यास्त के बाद शनिदेव की पूजा की जाए तो इससे शनिदेव बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते हैं और व्यक्ति को सुख और समृद्धि दोनों की प्राप्ति होती है। वहीं शनि और सूर्य की बात करें तो दोनों के बीच पिता-पुत्र का संबंध है किंतु दोनों एक दूसरे से बैर का भाव रखते हैं।
आपको बता दें कि सुबह से लेकर शाम तक सूर्य देव का प्रभाव होता है। ऐसी स्थिति में शनिदेव की पूजा किया जाए तो सूर्य देव नाराज हो जाते हैं। मान्यता है कि सूर्यास्त के पश्चात शनिदेव की पूजा करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।