-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास विभाग की समीक्षा की
लखनऊ, (हि. स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश की सीमा की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों के आश्रितों, सेवारत और पूर्व सैनिकों की समस्याओं का त्वरित निस्तारण करें। ऐसे मामलों के लिए एक डेडिकेटेड पोर्टल तैयार किया जाए और उसे आईजीआरएस से इंटीग्रेट करें।
मंगलवार को सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने सैनिक कल्याण विभाग में रिक्त पड़े पदों को यथा शीघ्र भरने का निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने सेवानिवृत्त जवानों के साथ सम्मानजनक व्यवहार किए जाने पर बल देते हुए कहा कि शहीद सैनिकों के आश्रितों का सेवायोजन जल्द से जल्द किया जाए। जिला सैनिक बंधु की महत्ता के बारे में बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समिति हमारे सैनिकों की समस्याओं के समाधान में काफी सहायक है। इसकी बैठक हर माह नियमित रूप से होनी चाहिए। बैठक में जिलाधिकारी के साथ पुलिस कप्तान भी मौजूद रहें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश की सुरक्षा में वीरगति को प्राप्त होने वाले शहीदों के आश्रितों को 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने वाला इकलौता राज्य है। इस संबंध में उन्होंने निर्देश किया कि इस राशि को देने में किसी भी तरह का विलंब न हो। मुख्यमंत्री ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की सड़कों और अमृत सरोवरों का नामकरण प्रदेश के शहीदों के नाम पर करने को कहा। उन्होंने उत्तर प्रदेश सैनिक कल्याण निगम में सेवायोजित कर्मियों की पुत्रियों के विवाह के लिए दी जाने वाली 30 हजार की राशि को बढ़ाने की आवश्यकता भी जताई, साथ ही शहीदों, सेवारत और पूर्व सैनिकों के बच्चों को अभ्युदय कोचिंग से जोड़ने की बात पर भी बल दिया।
वहीं एक अन्य बैठक में युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एक मॉडल बनाकर जिलों में स्टेडियम के निर्माण का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए की प्रदेश के प्रत्येक जनपद में एक-एक स्टेडियम हो। अगर जनपद में जमीन उपलब्ध हो तो स्टेडियम पीपीपी मोड पर बनें इसके लिए उद्यमियों को प्रोत्साहित करें। मुख्यमंत्री विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि ने हर ब्लॉक में एक मिनी स्टेडियम और गांव में खेल के मैदान के निर्माण को मातृभूमि योजना से जोड़ें। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों के खेल कूद की गतिविधियों को प्रोत्साहित करें इससे हमारे ग्रामीण क्षेत्र के युवा सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ेंगे।