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उप्र के एक्सप्रेस-वे पर काम करने वाले श्रमिकों की होगी टीबी स्क्रीनिंग व जांच

गरीब श्रमिकों के स्वास्थ्य के प्रति सजग योगी सरकार ने दिया उपहार

लखनऊ (हि.स.)। भारत को 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने के लिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा कदम उठाया है। योगी सरकार ने रविवार को प्रदेश में किसी भी शख़्स में टीबी की पुष्टि होने पर तत्काल इलाज शुरू कर संक्रमण को रोकने के आदेश दिये हैं। इसके लिये योगी सरकार ने प्रदेश भर में टीबी की स्क्रीनिंग व जांच में तेजी लाने के निर्देश दिये हैं। इसको ध्यान में रखते हुए अब भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के तहत आने वाले एक्सप्रेस-वे की कंस्ट्रक्शन साइट पर कार्य करने वाले श्रमिकों की टीबी स्क्रीनिंग और जांच करायी जायेगी।

स्क्रीनिंग के लिये लगाए जाएंगे शिविर

संयुक्त निदेशक (क्षय), राज्य क्षय नियन्त्रण कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र भटनागर ने इस सम्बन्ध में क्षेत्रीय अधिकारी (पूर्व और पश्चिम) एनएचएआई को पत्र भेजकर उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) से इसमें सहयोग की मांग की है। उन्होंने मांग की है कि एक्सप्रेस-वे के टोल प्लाजा, रेस्ट हाउसेस, जलपान स्थलों और पेट्रोल पम्प पर क्षय रोग के लक्षण एवं बचाव के बारे में जानकारी प्रदर्शित करने के लिए स्थान उपलब्ध कराया जाए। इसके लिए आईईसी (सूचना, शिक्षा एवं संचार) सामग्री सम्बन्धित जिले के जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) मुहैया कराएंगे। इसके अलावा श्रमिकों की स्क्रीनिंग के लिए शिविर का आयोजन भी डीटीओ द्वारा किया जाएगा। इसके अलावा डॉ. भटनागर ने टीबी रोगियों को समय पर उपचार प्रबन्धन के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग पर मरीजों के वाहन को सुगम आवागमन प्रदान करने की बात कही है।

टीबी मुक्त कार्यस्थलों को दिया जाएगा बढ़ावा

डॉ. भटनागर के अनुसार टीबी को हराना है तो टीबी मुक्त कार्यस्थलों को बढ़ावा देना जरूरी है। इसके लिए एनएचएआई मुख्यालय, क्षेत्रीय कार्यालयों, परियोजना कार्यान्वयन इकाइयों और सभी प्राधिकरण कार्यालयों को टीबी मुक्त बनाया जाएगा। समय-समय पर डीटीओ कार्यस्थलों की स्क्रीनिंग करेंगे।

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