, असद से शेयर की थी उमेश की लोकेशन
प्रयागराज(आरएनएस)। माफिया अतीक अहमद के वकील विजय मिश्रा को पुलिस ने उमेश पाल हत्याकांड में गिरफ्तार किया है। शनिवार देर रात लखनऊ के एक होटल से उनको पकड़ा। रविवार को पुलिस ने प्रयागराज कोर्ट में विजय मिश्रा को पेश किया। उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है। विजय मिश्रा पर आरोप है कि उमेश पाल हत्याकांड के दिन यानी 24 फरवरी को उमेश की लोकेशन अतीक के भाई अशरफ और बेटे असद के साथ शेयर की थी। जिसके बाद उमेश की हत्या हो गई।
विजय मिश्रा शनिवार को विभूतिखंड इलाके में एक फाइव स्टार होटल में रुके हुए थे। यहीं से एसटीएफ की मदद से प्रयागराज पुलिस ने गिरफ्तार किया। धूमनगंज थाने के इंस्पेक्टर राजेश मौर्य और अतरसुइया इंस्पेक्टर विनोद कुमार यादव ने विजय मिश्रा को गिरफ्तार किए जाने की पुष्टि की।
पुलिस विजय मिश्रा की उमेश पाल हत्याकांड में तलाश कर रही थी। पुलिस ने एसटीएफ से विजय मिश्रा की लोकेशन ट्रेस करने और पकड़ने में मदद मांगी। विजय मिश्रा की लोकेशन ट्रेस की गई तो वह लखनऊ मिली। इस इनपुट के बाद प्रयागराज पुलिस ने शनिवार रात 11 बजे उनको होटल से उठा लिया। विजय मिश्र के जूनियर एडवोकेट हिमांशु कुमार ने बताया कि सभी पुलिस वाले सादी वर्दी में आए थे। रात करीब 11 बजे उन्हें अपने साथ ले गए हैं। कहां ले गए हैं। यह क्लीयर नहीं है।
पुलिस के अनुसार अतीक के वकील खान सौलत हनीफ ने पूछताछ में उमेश पाल मर्डर में वकील विजय मिश्रा का नाम लिया था। कहा था कि उसने ही उमेश की कचहरी से लोकेशन शेयर की थी। सौलत ने आरोप लगाया था कि हत्या वाले दिन उमेश की कचहरी से निकलने की सूचना उसके सामने विजय ने अशरफ और असद को अपने फोन से इंटरनेट कॉल के जरिए दी थी। एसटीएफ ने 14 अप्रैल को एनकाउंटर में असद को झांसी में मार गिराया था।
उमेश पाल हत्याकांड के अलावा, 23 मई 2023 को अतरसुइया थाने में दरियाबाद निवासी व्यवसायी सईद अहमद ने एफआईआर दर्ज कराई थी। लकड़ी व्यवसायी सईद अहमद ने एफआईआर में पुलिस को बताया था कि उसकी मुट्ठीगंज में प्लाईवुड की दुकान है। 5 जनवरी 2023 को विजय मिश्र लगभग 1.20 लाख की प्लाई और माइका उधार ले गए थे। 17 अप्रैल 2023 को कर्मचारी शेखर ने जब उन्हें फोन करके बकाया रकम जमा कराने के लिए कहा तो उन्होंने गालियां दीं और धमकाया।
20 अप्रैल को विजय मिश्रा ने सईद को फोन किया और अतीक अहमद, उसके गुर्गों के नाम पर 3 करोड़ की रंगदारी मांगी। न देने पर जान से मारने की धमकी भी दी। इस मामले में सईद ने पुलिस को 57 सेकेंड का ऑडियो भी विजय मिश्र का सौंपा था। उसमें विजय तीन करोड़ रुपए की बात कर रहे हैं। इसी मामले में पुलिस विजय की तलाश कर रही थी। विजय मिश्रा पर कई जिलों में 7 मुकदमे दर्ज हैं।
विजय मिश्रा को अतीक और उसके भाई अशरफ का नजदीकी माना जाता है। अतीक-अशरफ हत्याकांड के बाद जब सभी वकीलों ने अतीक के केस को हाथ में लेने से मना कर दिया था। तब विजय मिश्रा ही सुप्रीम कोर्ट से लेकर लोअर कोर्ट तक केस फाइल कर रहे थे। अतीक- अशरफ मर्डर के बाद मौके पर वकील विजय मिश्रा ही पहुंचे थे। उनके अलावा कोई भी कॉल्विन अस्पताल नहीं पहुंचा था।
विजय कुमार मिश्रा पुत्र संतोष मिश्रा मूल निवासी ककरा थाना सराय इनायत गंगानगर
हालपता करेली कमिश्नरेट प्रयागराज संबंधित मु0अ0सं0 114/23 धारा 147/ 148/ 149/ 302/ 307/ 506/ 34/ 120बी भा0द0वि0 व 3 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम व 7 सीएलए एक्ट व 3(2) वी एससी/एसटी एक्ट को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया। अग्रिम विधिक कार्यवाही की जा रही है।
वो प्रयागराज के जिला एवं सत्र न्यायालय में पिछले 1 दशक से वकालत कर रहे हैं। खान सौलत हनीफ, अतीक अहमद के हाईकोर्ट में जाने वाले केस देखते थे, जबकि विजय मिश्रा लोअर कोर्ट में केस देख रहे थे।