अयोध्या, (हि. स.)। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य एवं अयोध्या राजा विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र के व्हाट्सएप पर श्री राम जन्मभूमि के संदर्भ में एक सनसनीखेज मेसेज आने से यह हड़कंप है। मैसेज आने और शिकायत मिलते ही राम जन्मभूमि थाना पुलिस अलर्ट हो गई और जांच पड़ताल करते हुए संदेश भेजने वाले आरोपित को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार कर लिया।
ट्रस्ट सदस्य को ‘राम जन्मभूमि नो मोर’ व अन्य आपत्तिजनक मैसज भेज पुलिस महकमें में हलचल मचाने वाला शख्स मूल रूप से पश्चिम बंगाल निवासी है। आरोपित को पुलिस ने अयोध्या ला कर पूछताछ में जुटी है।
पुलिस ने बताया कि ट्रस्ट के सदस्य मिश्र के मोबाईल पर कुल पांच व्हाट्सएप मैसेज आये थे। जिनमें प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, रामजन्मभूमि मामले में फैसला सुनाने वाले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायधीश तथा पूर्व राष्ट्रपति के प्रति आपत्तिजनक शब्द युक्त एडिटेड फोटो भेजा गया था।
मैसेज में रामजन्मभूमि नो मोर व बाबरी मस्जिद एस की बात लिखी गई थी। प्रकरण में 10 जुलाई को विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र के मुख़्तार आम कैलाश नाथ मिश्र की ओर से थाना रामजन्मभूमि को शिकायत दी गई थी। पुलिस ने उसी दिन देर रात लगभग नौ बजे धर्म के अपमान के आशय से उपासना स्थल को अपवित्र करने, धमकी तथा आईटी एक्ट के तहत केस पंजीकृत किया था।
छानबीन के दौरान व्हाट्सएप नम्बर पश्चिम बंगाल का रहने वाला मोहम्मद मिसबहुल शेख का निकला । इसके बाद इसकी तलाश में अयोध्या पुलिस की एक टीम पश्चिम बंगाल रवाना हुई। पश्चिम बंगाल के 24 परगना बजबज थाना क्षेत्र से उसने मिसबहुल शेख को गिरफ्तार कर लिया और अयोध्या लेकर आई।
सूत्रों के मुताबिक, आरोपी मिसबहुल शेख कपड़ों पर कढ़ाई का काम करता है। बाबरी मस्जिद प्रकरण को लेकर वह आक्रोशित था। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसकी इच्छा अयोध्या में आकर राम जन्मभूमि परिसर में नमाज़ पढ़ने की थी। अयोध्या पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए पश्चिम बंगाल से ही उसे गिरफ्तार कर लिया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजकरण नैयर ने बताया कि पूरे मामले की जांच चल रही है। जल्द ही पूरी जानकारी दी जाएगी।