सहरसा, (हि.स.)। ब्रज किशोर ज्योतिष संस्थान के संस्थापक एवं निर्देशक ज्योतिषाचार्य पंडित तरुण झा के अनुसार 17 जुलाई को श्रावण मास की दूसरी सोमवारी होगी।ज्ञात हो कि मलमास अर्थात पुरषोत्तम मास शुक्ल प्रतिपदा से प्रारम्भ होकर अमावस्या को समाप्त होती है।पूर्णिमा इसके बीच मे ही होती है।इस बार मलमास 17 जुलाई से प्रारम्भ होकर 16 अगस्त को समाप्त होगा।
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि ज्योतिष मे 02.5 वर्ष ,05 पखवाड़े,03 दिन और 01 दिन का आठवाँ भाग बीत जाने पर अधिकमास होता है। गणना के आधार पर 32 महीने 18 दिन बीत जाने पर मलमास होता है।
पंडित तरुण झा जी बताते हैं की गुरु के अस्त एवं सूर्य के सिंह राशि मे स्थित होने पर अधिक मास मे जो वर्जित कर्म है उसे बिलकुल नहीं करें।इस मलमास मे दैनिक नियमित पूजा,श्राद्ध या किसी जातक कि कुंडली मे मार्केश वगैरह है तो उसकी शांति हेतु पूजा हो सकती है।लेकिन विवाह, प्रतिष्ठा, गृहप्रवेश,उपनयन, मुंडन इत्यादि बिलकुल भी नहीं करना चाहिए।इस मास के मध्य मे स्नान, जप, दान एवं पितृ तर्पण जरूर करने से सारे कर्म ऊर्जावान के साथ काफ़ी लाभदायक होते हैं।
शुद्ध मास (श्रावण ) के सोमवारी व्रत :-
1. सोमवारी व्रत :-10 जुलाई 2023
2.सोमवारी व्रत :-17 जुलाई 2023
3. सोमवारी व्रत :-21 अगस्त 2023
4.सोमवारी व्रत :- 28 अगस्त 2023