नई दिल्ली (ईएमएस)। देश में इन दिनों लगातार हो रही बारिश से लोगों का जीना मुहाल हो रहा है। कईं जगह आवागमन अवरुद्ध हो गया है, तो अनेक स्थानों पर लोगों को विस्थापित कर राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। बारिश शुरु होने से लेकर अब तक 19 लोगों की जान जा चुकी है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में तो बारिश ने पिछले बीस सालों का रिकार्ड तोड़ दिया है। यहां दिल्ली सहित उत्तर भारत के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई। इसकी वजह से कई स्थानों पर सड़कों पर जल जमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई और लोगों को ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ा। वहीं, दक्षिण भारत के केरल के कुछ हिस्सों में भी सुबह भारी बारिश हुई और निचले इलाकों में जल जमाव से ट्रैफिक को रेंगते हुए देखा गया। केरल में एक सप्ताह से अधिक समय से बारिश का प्रकोप है जिसके कारण 19 लोगों की जान जा चुकी है और 10,000 से अधिक लोगों को राहत शिविरों में भेजा गया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ और मॉनसूनी हवाओं की परस्पर संयोग से देश के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में बारिश हुई। दिल्ली में एक फ्लैट की छत से मलबा गिरने से 58 वर्षीय एक महिला की मौत हो गई।
इसी तरह राजस्थान में 24 घंटे के दौरान बारिश से जुड़ी घटनाओं में चार लोगों की मौत हुई है। मौसम विभाग के अनुसार बारिश ने दिल्ली में 20 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। दिल्ली के प्राथमिक मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला ने सुबह 8.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक 126.1 मिलीमीटर (मिमी) बारिश दर्ज की। उन्होंने बताया कि बारिश का यह आंकड़ा 10 जुलाई 2003 के बाद सर्वाधिक है और तब 24 घंटों के दौरान 133.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी। सफदरजंग में दर्ज आंकड़ों को पूरे शहर के लिए मानक माना जाता है। गौरतलब है कि 21 जुलाई 1958 को शहर में 266.2 मिमी बारिश हुई थी जो अबतक 24 घंटे में रिकॉर्ड सबसे अधिक बारिश है। भारी बारिश के कारण सड़कों पर जल जमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई और इसमें फंसे वाहनों की लंबी कतारें देखने को मिलीं।
यहां पर तेज हवाओं और बारिश के कारण कई इलाकों में बिजली और इंटरनेट संपर्क भी बाधित होने की सूचना है। पुलिस ने बताया कि करोल बाग इलाके में तिब्बिया कॉलेज सोसायटी के एक फ्लैट की छत बारिश के कारण ढह गई, जिसके मलबे में दबकर रंजीत कौर (58) की मौत हो गई। उसने बताया कि इस घटना में कौर का पति और बेटा बाल-बाल बचे। फिलहाल पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी भारत पर हावी है, जबकि मॉनसून अपनी सामान्य स्थिति के दक्षिण की ओर बढ़ गया है, जो निचले क्षोभमंडल स्तर तक पहुंच गया है। इसके अतिरिक्त, दक्षिण पश्चिम राजस्थान पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। आईएमडी द्वारा दी गई अपडेटेड के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ और मॉनसूनी हवाओं के बीच यह संपर्क अगले 24-36 घंटों तक जारी रहने की उम्मीद है, जिससे उत्तर पश्चिम भारत के अधिकांश हिस्सों में मध्यम दर्जे की बारिश होगी।
पूर्वानुमान में जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग इलाकों में सोमवार तक और पूर्वी राजस्थान, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और पंजाब में भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम कार्यालय के अनुसार, 15 मिमी से कम बारिश को हल्की, 15 मिमी और 64.5 मिमी के बीच मध्यम, 64.5 मिमी और 115.5 मिमी के बीच भारी और 115.6 मिमी और 204.4 मिमी के बीच बहुत भारी बारिश मानी जाती है। वहीं, 204.4 मिमी से अधिक बारिश को अत्यधिक भारी बारिश के रूप में श्रेणीबद्ध किया गया है। इस बीच, कश्मीर में कई स्थानों पर कुछ घंटों में ही भारी बारिश की वजह से झेलम और उसकी सहायक नदियों में जल स्तर तेजी से बढ़ गया। अधिकारियों ने नदियों के नजदीक रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और पानी के पास जाने से बचने की सलाह दी है।
भारतीय मौसम केन्द्र ने हिमाचल प्रदेश के सात जिलों के लिए ‘रेड’ अलर्ट जारी किया है। पहाड़ी राज्य में भूस्खलन और बाढ़ के कारण शिमला, सिरमौर, लाहौल- स्पीति, चंबा और सोलन जिलों में कई सड़कें अवरुद्ध हो गईं। अटल सुरंग से लगभग एक किलोमीटर दूर टीलिंग नाले में बाढ़ आने के बाद मनाली-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध हो गया। लाहौल-स्पीति जिले के उदीपुर में मदरांग नाला और काला नाला में अचानक आई बाढ़ के बाद सड़कें भी अवरुद्ध हो गईं। मौसम विभाग ने रविवार को राजसमंद, जालौर और पाली जिलों में बहुत भारी बारिश की संभावना जताई है। अजमेर, अलवर, बांसवाड़ा, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, दौसा, धौलपुर, डूंगरपुर, जयपुर, झुंझुनू, करौली, कोटा, प्रतापगढ़, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरोही, टोंक, उदयपुर, बाड़मेर, जोधपुर और नागौर में भी भारी बारिश का अनुमान है।