गोरखपुर (हि.स.)। गोरखपुर जिले के सिकरीगंज थाना क्षेत्र के जैपालपार निवासी कमलेश्वर दुबे की मधुमती नाम की 18 वर्ष की हथिनी की मंगलवार को मौत हो गयी थी। अब उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है। इलाज के आभाव में उसकी मौत होना बताया गया है। विसरा को सुरक्षित कर लिया गया है।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मधुमती की मौत का कारण सांस उखड़ना बताया गया है। भारी शरीर की हथिनी को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी और सही समय पर उसे उपचार नहीं मिलने पर सांस उखड़ गई।
एक ही जगह लेटी रही पांच-छह दिन
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक हथिनी अस्वस्थ थी और एक ही जगह पर ही पांच से छह दिन तक लेटी रही। इससे उसके फेफड़े पर लगातार दबाव बनता रहा। इधर, स्थिति बिगड़ने पर मंगलवार को हथिनी के अस्वस्थ होने की सूचना वन विभाग को दी गई थी। दोपहर में मौके पर पहुंची तिम ने देखा तब उसकी उल्टी चल रही थी। उपचार के दौरान रात 10 बजे उसकी मौत हो गई थी।
ऐसे हुई बीमारी की शुरुआत
लोगों के मुताबिक 20 तारीख को मधुमती को लेकर उसका महावत महदेवा की तरफ जा रहा था। इसी दौरान चलते-चलते गांव के बगल में ही खड़ी हो गई और कुछ ही देर बाद अचानक से बैठ गई। महावत ने इसकी जानकारी मालिक को दी। कमलेश्वर दुबे ने हथिनी को ट्रक पर रखवाया और घर ले आए। बता दें कि जैपालपार निवासी कमलेश्वर दुबे कई पुश्त से हाथी पालते आ रहे हैं। यह हथिनी मधुमती पिछले 15 साल से उनके पास थी।
यहाँ हुई इलाज में चूक
पशु चिकित्सकों से उपचार करवाने की जगह स्थानीय पशु चिकित्सकों से इलाज करना शुरु किया गया। इसके साथ ही आयुर्वेदिक इलाज शुरू हुआ। बावजूद इससे हाथी की तबीयत और बिगड़ती चली गई। मंगलवार को हथिनी की हालत और ज्यादा बिगड़ गयी। फिर इसकी सूचना डीएफओ को दी गई। डीएफओ ने तीन चिकित्सकों की टीम गठित कर उपचार के लिए मंगलवार की दोपहर को उन्हें मौके पर भेजा। इसी बीत रात 10 बजे हथिनी की मौत हो गई।
उपचार के लिए आगरा से आ रहे थे चिकित्सक
हाथी की गंभीर हालत की रिपोर्ट मिलने के बाद आगरा हाथी संरक्षण केंद्र से भी चिकित्सकों की टीम बुलवा लिया गया था। चिकित्सक अभी बाराबंकी तक ही पहुंचे थे कि हथिनी की मौत हो गई।
कहते हैं डीएफओ
डीएफओ विकास यादव का कहना है कि हथिनी का पंजीकरण नहीं था। उसकी तबीयत खराब होने की सूचना मंगलवार को मिली थी। चिकित्सकों को टीम को उपचार के लिए भेजा गया था, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। मौत हो गई। पोस्टमार्टम में मौत की वजह सांस का उखड़ना सामने आया है। विसरा जांच के लिए सुरक्षित रख लिया गया है।