लखनऊ (हि.स.)। प्रदेश में हुई बारिश ने बिजली की मांग में भी कमी कर दी। इससे बिजली कर्मियों ने भी राहत की सांस ली है। ट्रांसमिशन और ट्रांसफार्मर के मरम्मत के काम में तेजी आ गयी है। हालांकि प्रदेश में तापमान में गिरावट बारिश से पूर्व ही आ गयी थी। इसका असर भी दिखने लगा था। प्रदेश में 15 जून के बाद से अधिकतम बिजली की मांग में दो हजार मेगावाट तक कमी आयी है।
पावर कारपोरेशन के जनसंपर्क अधिकारी के. के. सिंह ने बताया कि 15 जून को अधिकतम बिजली की मांग 27424 मेगावाट था। यह अधिकतम मांग रात के आठ बजे थी। वहीं उस दिन न्यूनतम मांग 17317 मेगावाट थी। उस दिन प्रदेश के चार विद्युत उत्पादन केंद्रों से 820 मेगावाट का विद्युत उत्पादन हुआ था। वहीं प्रदेश में ट्रांसफार्मर भी 900 से ज्यादा जलने की खबर आयी थी।
प्रदेश में 17 जून को अधिकतम बिजली की मांग 27376 मेगावाट हो गयी। इस दिन प्रदेश में 968 ट्रांसफार्मर जले थे। बिजली की मांग में गिरावट देखकर विभागीय अधिकारियों ने राहत की सांस ली थी। इस दिन न्यूनतम बिजली की मांग 18496 मेगावाट रही। प्रदेश के चार बिजली उत्पादन केंद्रों से 610 मेगावाट बिजली उत्पादन हुआ। वहीं 20 जून को बिजली की मांग में काफी गिरावट आ गयी और यह 25483 मेगावाट तक रह गयी। वहीं न्यूनतम बिजली की मांग 15958 मेगावाट थी।
21 और 22 जून की रिपोर्ट अभी आना शेष है। जनसंपर्क अधिकारी के.के. सिंह ने बताया कि पूरी रिपोर्ट दो दिन बाद हर जगह से आता है। इसके बाद इसको पूरा सार निकाला जाता है। हालांकि अभी 25 हजार मेगावाट से नीचे मांग होने की उम्मीद है।