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सार्स सीओवी वायरस के खिलाफ जंग : बीएचयू की महत्वपूर्ण खोज को मिला अंतरराष्ट्रीय पेटेंट

-सोमिनोन फाइटोमोलिक्यूल की त्रि.लक्ष्य एंटीवायरल गतिविधि की पहचान पर शोध

वाराणसी, 20 जून (हि.स.)। कोविड वायरस के खिलाफ जंग में एक और मुकाम हासिल करते हुए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय(बीएचयू) के वैज्ञानिक कार्य को अंतरराष्ट्रीय पेटेंट हासिल हुआ है। सेन्टर फॉर जेनेटिक डिसऑर्डर्स तथा प्राणि विज्ञान विभाग, विज्ञान संस्थान के शोधकर्ताओं ने एक महत्वपूर्ण खोज की है।

इस के तहत सार्स सीओवी वायरस के विरुद्ध सोमिनोन फाइटोमोलेक्यूल की त्रि.लक्ष्य एंटीवायरल गतिविधि की पहचान की गई है। इसके लिए बीएचयू को जर्मन पेटेंट प्रदान किया गया है। प्रोफेसर परिमल दास के नेतृत्व वाली वाली शोधकर्ताओं की टीम में पीएचडी स्कॉलर प्रशांत रंजन, नेहा, चंद्रा देवी, पोस्ट डॉक्टोरल फेलो डॉ. गरिमा जैन मालवीय और सहायक प्रोफेसर प्राणि विज्ञान विभाग डॉ भाग्यलक्ष्मी महापात्र शामिल हैं।

अश्वगंधा से प्राप्त एक नए एंटीवायरल अणु सोमिनोन ने सार्स सीओवी वायरस के संबंध में उल्लेखनीय रूप से 96 प्रतिशत निषेध का प्रदर्शन किया है। सोमिनोन के अद्वितीय गुणों की पहचान करने और उनका दोहन करने के लिए यह अनुसंधान दल पिछले तीन वर्षों से अथक प्रयास कर रहा है। इस महत्वपूर्ण सफलता ने एक ऐसी प्रणाली के विकास को प्रेरित किया है जो वायरस के अस्तित्व के लिए आवश्यक तीन महत्वपूर्ण प्रोटीन को निशाना बनाती है। इस शोध को अंतरराष्ट्रीय पेटेंट मिलना एंटीवायरल अनुसंधान के क्षेत्र को आगे बढ़ाने की शोध टीम की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। यह कोविड वायरस के खिलाफ लड़ाई में बड़ा कदम है। यह पेटेंट कोविड -19 के लिए प्रभावी उपचार विकसित करने में अभिनव दृष्टिकोण और शोध के संभावित प्रभाव को परिलक्षित करता है।

परियोजना के प्रमुख अन्वेषक प्रोफेसर परिमल दास ने इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि हम सोमिनोन पर अपने शोध के लिए दूसरा अंतरराष्ट्रीय पेटेंट प्राप्त करने पर रोमांचित हैं। यह वायरस का मुकाबला करने के प्रयासों में एक मील का पत्थर है। हमें उम्मीद है कि हमारे निष्कर्ष एंटीवायरल थेरेपी के विकास में योगदान देंगे और अंततः कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में मदद करेंगे।

गौरतलब हो कि बीएचयू का सेन्टर फॉर जेनेटिक डिसऑर्डर्स तथा प्राणि विज्ञान विभाग आणविक जीव विज्ञान और आनुवंशिकी के क्षेत्र में अपने अत्याधुनिक शोध के लिए प्रसिद्ध है। यह नवीनतम उपलब्धि वैज्ञानिक उत्कृष्टता के प्रति उनके अटूट समर्पण और वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों के लिए अभिनव समाधानों की उनकी अथक खोज की एक पहल है।

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