Breaking News

यूपी में कई गुना तक उपभोक्ताओं का बिजली बिल कम कर रहा सोलर रूफ टॉप प्लांट

-सोलर प्लांट को बढ़ावा दे रही योगी सरकार की स्कीम से प्रेरित हो रहे उप्र के लोग

-राज्य सरकार के साथ ही केंद्र सरकार भी देती है योजना के तहत अनुदान

-राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के अन्य हिस्सों में लोग अपना रहे सोलर एनर्जी प्लांट

लखनऊ  (हि.स.)। राजधानी लखनऊ के विक्रमखंड, गोमती नगर में रहने वाले अजय जायसवाल ने मई में बिजली बिल के भुगतान के लिए 10 हजार से अधिक राशि खर्च की। इसके बाद उन्होंने 7 किलोवाट का सोलर रूफ टॉप प्लांट लगवा लिया और जून माह में उनका बिजली बिल महज 1850 रुपये के आसपास रह गया।

अजय जायसवाल की तरह ही विपुलखंड गोमती नगर के सुभाष चंद्रा, गोमती नगर एक्सटेंशन की रेनू वर्मा, इंदिरा नगर की कुमुद लता, कल्पना चौहान और गोमती नगर की प्रतिमा शुक्ला ने भी सोलर प्लांट लगवाकर अपना बिजली बिल कई गुना तक कम कर लिया।

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता का कहना है कि बिजली की दरों में यह कमी उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सोलर प्लांट लगाने पर मिल रहे अनुदान और अन्य राहतों की वजह से आई है। योगी सरकार प्रदेश में घरेलू और वाणिज्यिक भवनों पर सोलर रूफ टॉप प्लांट लगाने के लिए प्रदेशवासियों को तमाम तरह की सुविधाएं और लाभ प्रदान कर रही हैं, जिससे प्रोत्साहित होकर राजधानी लखनऊ समेत पूरे प्रदेश में लोग तेजी से सोलर रूफ टॉप प्लांट लगाने के लिए प्रेरित हुए हैं।

सोलर रूफ टॉप संयंत्रों पर प्रदेश सरकार की सुविधाएं एवं राहत

– लाभार्थी द्वारा निजी आवासों पर अधिकतम स्वीकृत लोड के समतुल्य क्षमता अथवा उससे कम क्षमता का ग्रिड कनेक्टेड सोलर रूफ टॉप संयंत्र लगाया जा सकता है। इसके साथ कोई बैटरी नहीं लगाई जाती है। यह संयंत्र ग्रिड से जुड़ा होता है एवं बिजली कटौती के दौरान बिजली की आपूर्ति नहीं करता है।

– निजी आवासों पर लगाए जाने वाले सोलर रूफ टॉप संयंत्र पर नेट मीटरिंग की सुविधा प्राप्त होती है। संयंत्र से उत्पादित बिजली लाभार्थी द्वारा स्वयं उपभोग की जाती है जिससे विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा निर्धारित विद्युत यूनिट मूल्य की बचत होती है और उपभोग न करने की दशा में संयंत्र से उत्पादित बिजली स्थानीय ग्रिड में एक्सपोर्ट हो जाती है।

– एलएमवी-1 (घरेलू विद्युत उपभोक्ता) श्रेणी के लाभार्थी द्वारा सोलर रूफ टॉप संयंत्र लगाने से पूर्व नेशनल पोर्टल www.solarrooftop.gov.in पर पंजीकरण कराया जाना होता है तथा निर्धारित प्रकिया के अनुसार संयंत्र स्थापित कराने, विभिन्न वांछित अभिलेखों को अपलोड करने के बाद केन्द्रीय अनुदान लाभार्थी के बैंक खाते में प्राप्त होता है और राज्य सरकार का अनुदान भी लाभार्थी के खाते में यूपीनेडा द्वारा प्रदान किया जाता है।

– लाभार्थी सोलर रूफ टॉप संयंत्र, यूपीनेडा, विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा नेशनल पोर्टल पर इम्पैनल्ड वेन्डर्स से लगवा सकता है।

केन्द्रीय अनुदान की भी है व्यवस्था

संयंत्र क्षमता अनुमन्य केंद्रीय अनुदान

3 किलोवाट तक 14,588 रुपया प्रति किलोवाट

3 से 10 किलोवाट तक प्रथम 3 किलोवाट तक 14,588 रुपया प्रति किलोवाट एवं उसके बाद 7294 रुपया प्रति किलोवाट

10 किलोवाट से ऊपर 94,822 रुपया

प्रदेश सरकार द्वारा दिए जाने वाला अनुदान और लाभ

– नेशनल पोर्टल के माध्यम से संयंत्र की स्थापना के बाद 15000 रुपया प्रति किलोवाट की दर से एवं अधिकतम 30,000 रुपया राज्यानुदान की धनराशि सभी पात्र उपभोक्ताओं के बैंक खाते में यूपीनेडा द्वारा भेजी जाएगी।

– एक सामान्य घर पर यदि 03 कि.वा. का सोलर रूफ टॉप लगाया जाता है, तो उस पर लगभग 65 हजार प्रति कि.वा. की दर से लगभग 1.95 लाख रुपये का व्यय आएगा। इसमें केंद्र सरकार 43,764 रुपये और राज्य सरकार 30 हजार रुपये सब्सिडी प्रदान करेगी।

– बिजली के बिल में 2500 से 3000 रुपये तक की कमी आएगी, जबकि बिल 750 रुपये प्रतिमाह तक रह जाएगा। इस तरह पूरा इन्वेस्टमेंट 4 से 4.5 वर्ष में वापस हो जाता है।

– लाभार्थी द्वारा विभिन्न बैंकों द्वारा चलाए जा रहे हाऊस लोन स्कीम के माध्यम से भी सोलर रूफ टॉप संयंत्र लगाया जा सकता है।

– वाणिज्यिक या औद्योगिक भवनों पर सोलर रूफ टॉप लगाने से नेट बिलिंग का लाभ लिया जा सकता है। नेट बिलिंग प्रकिया में विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित दरों पर आयातित ऊर्जा एवं निर्गत की जाने वाली ऊर्जा को एक द्वि-दिशात्मक ऊर्जा मीटर के माध्यम से मापा जाता है।

Check Also

महाराष्ट्र विस चुनाव 2024: क्या सच साबित होगी अजित पवार की भविष्यवाणी, एग्जिट पोल लगा रहे…!

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में बुधवार को सभी 288 विधानसभा सीटों पर मतदान हुए। जिसके बाद …