गिरोह के आका समेत पांच लोग गिरफ्तार
एसटीएफ को मिली बड़ी सफलता
लखनऊ। स्पेशल टास्क फोर्स(एसटीएफ) ने एनसीआर के क्षेत्र से ट्रकों में लदे मोबाइल फोन लूटकर त्रिपुरा राज्य से पड़ोसी देश बांग्लादेश तस्करी करने वाले पांच शातिर सदस्यों को दबोचकर गिरोह का पर्दाफाश किया है। जिनके पास करीब 100 चोरी के मोबाइल फोन,9500 रुपए नकद, दो चार पहिया गाड़ी, और तलाशी में पांच मोबाइल बरामद किए। एसटीएफ को सूचना मिली कि अलग-अलग ट्रास्पोट कंपनी में अपने लोगों को ड्राइवर रखवा कर लॉजिस्टिक सेंटर से इलेक्ट्रॉनिक सामानों को चोरी कर उन्हे त्रिपुरा के रास्ते पड़ोसी देश बंग्लादेश भेजने वाले गिरोह सक्रिय है। जिसके बाद एसटीएफ की आगरा यूनिट को मुखबिर से खबर मिली कि इलेक्ट्रॉनिक सामानों की चोरी करने वाला गिरोह नोएडा में इस वक्त मौजूद है।
जिन्हे थाना सूरजपुर के पास से घेर घार कर दबोच लिया गया। पकड़े गए लोगों की पहचान हर्ष बंसल निवासी मनिया राजस्थान,अनिल कुमार नंगला तारा हाथरस, अंशु, केशव थाना गौडा जनपद अलीगढ़,राजीव ग्राम बम्बीरपुर अतरौली अलीगढ़ के रूप में हुई है। पूछताछ में शातिरों ने बताया कि वो पेशे से ट्रक चालक है। और कुछ दिन पहले ही गिरोह के साथ जुड़ा था। और जीतू उर्फ जितेंद्र और गिरोह के बाकी लोंग ग्रेटर नोएडा के अलग-अलग मोबाइल कंपनियों के ट्रांसपोर्ट के ड्राइवरों से मुलाकात करता और गिरोह के लोगों को ट्रक पर ड्राइवर की नौकरी पर लगा देता । जिसके बाद ट्रकों से मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान को चोरी करवाता था। वहीं कंपनियो द्वारा इस्तेमाल मैग्नेटिक सील को खोलने के लिए एक डिवाइस का इस्तेमाल कर चोरी को अन्जाम देते थे। और उस डिवाइस को दोबारा लगा देते जिससे कंपनी को जानकारी नहीं हो पाती थी।
सैमसंग कंपनी के ट्रक से 280 मोबाइल निकाले गए जिन्हे गुजरात के रहने वाले कासिम को बेचा और कारगो के जरिए दिल्ली के करोल बाग पहुंचा दिया। जिसके बाद रामसंस कारगो कंपनी द्वारा त्रिपुरा निवासी आमिर हुसैन के पास पहुंचा और कैरियर के जरिए वो मोबाइल को पड़ोसी देश बांग्लादेश भेज देता था। कासिम ने हवाला के जरिए हष बंसल को करीब 19,60,000 हजार रुपए दिलवा दिया । जिसके बाद गिरोह के सदस्यों ने आपस में बांट लिया था। एसटीएफ के अनुसार बरामद मोबाइल फोन को शातिर बांग्लादेश भेजने की तैयारी में थे। जिसमें 980 मोबाइल फोन में 100 बरामद कर किया गया है।शातिरों के खिलाफ कई मामले दर्ज है। और आगे की कार्रवाई की जा रही है।