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पीपीपी मॉडल की तर्ज पर 701 करोड़ की लागत से चमकेंगे ये पांच बस अड्डे, जानिए क्या है तैयारी

लखनऊ (हि.स.)। निजी सार्वजनिक सहभागिता (पीपीपी) से प्रदेश के बस स्टेशनों के कायाकल्प की परिवहन निगम की पहल को राज्य सरकार ने हरी झंडी दे दी है। इस कड़ी में प्रदेश के 23 बस स्टेशनों को एयरपोर्ट की तर्ज पर आधुनिक सुविधाओं से युक्त बनाया जाएगा। इनमें पांच बस स्टेशनों के विकास पर 701 करोड़ की लागत आएगी।

उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने सोमवार को बताया कि इन 23 बस स्टेशनों पर यात्रियों को सभी अत्याधुनिक सुविधाएं मुहैया होंगी। इसकी कनेक्टिविटी बेहतर होगी। इस दिशा में की जा रही कार्यवाहियों के अन्तर्गत 23 चिन्हित बस स्टेशनों के लिए सम्पादित निविदा के अन्तर्गत कुल पांच बस स्टेशनों के प्राप्त निविदा को उपयुक्त पाते हुए 06 जून को मंत्रिपरिषद की बैठक में लेटर आफ इनटेन्ट जारी किये जाने पर अनुमोदन प्राप्त हुआ। शेष 18 बस स्टेशनों के लिए पुनः निविदा आमंत्रण का निर्णय लिया गया है।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में पीपीपी पद्धति पर विकसित किये जाने वाले इन पांच बस स्टेशनों के विकास पर 701 करोड़ की लागत आएगी। इन पांच बस स्टेशनों में चार बस स्टेशन कौशाम्बी बस टर्मिनल गाजियाबाद, विभूति खण्ड गोमती नगर बस टर्मिनल लखनऊ, सिविल लाइन्स बस टर्मिनल प्रयागराज तथा गाजियाबाद ओल्ड बस टर्मिनल गाजियाबाद हेतु ओमेक्स लिमिटेड नई दिल्ली, आगरा फोर्ट बस टर्मिनल आगरा के लिए मैसर्स एजी इन्टर प्राइजेज सफल घोषित हुए है। इनको निगम की ओर से लेटर आफ इन्टेन्ट (एलओआई) जारी कर दिया गया है।

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