माफिया सरगना खान मुबारक की मौत साथ अपराधिक दुनिया का अंत
अम्बेडकर नगर। उत्तर प्रदेश के टाप टेन अपराधी माफिया सरगना खान मुबारक की हरदोई जेल में रहस्मय परिस्थियों में हुई मौत से अपराध की दुनिया का एक अंत हो गया । टाण्डा सर्किल के थाना हंसवर क्षेत्र के ग्राम हरसम्हार में चकबन्दी विभाग में तैनात लेखपाल रजी आलम के घर लगभग 37 वर्ष पूर्व हुआ था पिता ने अपने बड़े पुत्र खान जफर उर्फ जफर सुपारी व छोटे पुत्र खान मुबारक को उच्च शिक्षा हेतु इलाहाबाद पढ़ने के लिए भेजा था लेकिन दोनी पुत्र अपराधी बन गये।
खान मुबारक ने अपने अपराध की शुरुवात वर्ष 2006 में जिला इलाहाबाद वर्तमान में प्रयागराज से की थी और पहला मुकदमा थाना सिविल लाइन में अपराध स0 107/2006 धारा 386,506,120 बी आई पी सी के तहत दर्ज हुआ खान मुबारक ने इलाहाबाद के थाना कर्नल गंज व घूरपुर क्षेत्र में ताबड़ तोड़ अपराध किया और जेल चला गया इलाहाबाद से उसे वाराणसी जेल ट्रांसफर किया गया और 2012 में वाराणसी जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद उसने अम्बेडकर नगर को ही अपनी अपराध स्थली बना ली उसके विरुद्ध पहला मुकदमा थाना अलीगंज अम्बेडकर में अपराध स0131/12 धारा 384,506 ऐसी पी सी का दर्ज किया गया जो रंगदारी मांगने का था उसके बाद उसके विरुद्ध अपराध दर्ज होने का जो सिलसिला शुरू हुआ वह रुका नही और अगस्त 12 में भट्टा व्यवसायी ऐनुद्दीन की हत्या में नाम आने के बाद उसका सिक्का चल गया उसके बाद जमीनों पर कब्जा रंगदारी वसूलने की झड़ी लग गयीं।
खान मुबारक की गतिविधियों का विरोध करने वाले थाना हंसवर क्षेत्र के ग्राम नसीराबाद निवासी बसपा नेता जुर्गाम मेंहदी पर वर्ष 2015 में उनके वाहन पर गोलियों की बौछार कराई लेकिन जुर्गाम मेंहदी घायल हुए और इलाज से बच गए लेकिन 2018 में दूसरी बार हमले में में जुर्गाम मेंहदी व उनके ड्राइवर शुभनीत यादव की मौत हो गयी खान मुबारक की खासियत यह थी कि जब वह जेल जाता तभी इलाके में हत्या की वारदात होती ।पुलिस के अनुसार खान मुबारक की गैंग के कुल 23 सदस्य चिन्हित थे जिसमें एक खास शूटर परवेज पुत्र सुबराती निवासी ग्राम मखदूम नगर थाना अलीगंज को जून 2021 में प्रदेश की एस टी एफ ने जनपद गोरखपुर के थाना पी पी गंज क्षेत्र में मुठभेड़ में मार गिराया था। उसके ऊपर कुल वर्तमान में 44 मुकदमे दर्ज है जिसमें जनपद अम्बेडकर नगर जनपद में 31 मुकदमे एक मुकदमा लखनऊ और बाकी इलाहानद में दर्ज है वर्ष 2017 में एस टी एफ ने कहां मुबारक को गिरफ्तार कर भारी मात्रा में असलहे बरामद किया था तभी से वह जेल की सलाखों में था इस बीच वह फतेह गढ़ लखनऊ की जेलों में निरुद्ध रहा वर्तमान समय मे दो वर्षों से हरदोई जिला कारागार में निरुद्ध था।खान मुबारक के मकानों को पुलिस ध्वस्त कर चुकी है उसके गांव हरसम्हार में परिवार का कोई सदस्य मौजूद नही है उसका बड़ा भाई खान जफर उर्फ जफर सुपारी महाराष्ट्र के मुम्बई की जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है।
वहीं उसकी पत्नी मुमताज खान,भाभी जोया,बहन शब्बो उर्फ शबाना व दोनो भाइयों के छोटे बच्चे खान है पता नही चला पत्नी बहन भाभी सभी जुर्गाम मेहंदी हत्या कांड में अभियुक्त रही है जो न्यायालय से जमानत पर हैं। हंसवर पुलिस ने खान मुबारक की हिस्ट्री शीट दिनांक 12 जुलाई 2008 को 24 वर्ष की उम्र में जनपद इलाहाबाद के अपराधों को लेकर खोली थी जिसका एच एस न0 69 ऐ था और गैंग का न0 डी 27 था। सोमवार को 4 बजे के लगभग खान मुबारक की मृत्यु की खबर पूरे इलाके में जंगल की आग की तरह फैल गयी। और इलाके में पुलिस सक्रिय हो गयी।