– मुरादाबाद के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संख्या-तीन ने सुनाया निर्णय
मुरादाबाद (हि.स.)। मुरादाबाद के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संख्या-तीन ने मंगलवार को 7 वर्ष पुराने मामले में सात आरोपितों को फिरौती के लिए अपहरण कर युवक की हत्या का दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही दोषियों को 6.20 लाख रुपये के अर्थदंड से दंडित भी किया गया।
संभल जनपद के थाना हयातनगर क्षेत्र के मुहल्ला सरायतरीन निवासी सतीश कुमार पुत्र चेतराम ने 12 दिसंबर 2016 को एफआईआर दर्ज कराई थी। इसमें उन्होंने पुलिस को बताया था कि 11 दिसंबर 2016 को करीब 10 बजे उनका चचेरा भाई संजीव कुमार पुत्र जगदीश सैनी निवासी कमालपुर सराय अपनी मां से मिलने के लिए नखासा थाना क्षेत्र के गांव रमपुरा मोटरसाइकिल से गया था। इसके बाद से उसकी कोई जानकारी नहीं मिली। अगले दिन 12 दिसंबर को संजीव के रिश्ते के भाई सागर पुत्र रामनाथ के पास संजीव के मोबाइल से मिस्ड कॉल आई थी, जब उस पर संपर्क किया गया तो किसी ने जवाब नहीं दिया। इसके बाद ग्राम प्रधान अनिल कुमार के फोन से बात की तो पता चला कि संजीव का किसी ने अपहरण कर लिया है और फिरौती के लिए 25 लाख रुपये की मांग की जा रही है। इस बात को मोबाइल फोन में रिकॉर्ड भी कर लिया था।
इस मामले में थाना प्रभारी सुनील अहलावत ने रिपोर्ट दर्ज करते हुए तत्काल विवेचना शुरू कर दी थी। आरोपियों द्वारा की गई फोन पर बात के अनुसार संजीव की मोटरसाइकिल थाना असमौली के गांव जसरथ नगला में बरामद हुई थी। इस घटना में सबसे पहले छत्रपाल पुत्र प्यारेलाल, चंद्रपाल पुत्र सूखा निवासीगण कमालपुर सराय पुलिस के हत्थे चढ़े थे। इन्होंने पुलिस को बताया था कि हमने रुपये के लालच में संजीव की हत्या कर दी है। इस साजिश में उनके साथ हरचरण पुत्र श्रीराम, आदेश पुत्र हरचरण निवासी देहपा हयातनगर, मदनपाल, देशराज पुत्र गणेशी और सुरेश पत्नी मदनपाल निवासीगण खादरपट्टी धनौरा शामिल हैं। छत्रपाल व चंद्रपाल ने पुलिस को यह भी बताया था कि उन्होंने अपने साथियों से मिलकर संजीव का अपहरण किया था। फिर फिरौती के रुपये न मिलने के बाद डर की वजह से संजीव की डंडों से पीटकर हत्या कर दी थी।
मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संख्या-तीन सरोज कुमार यादव की अदालत में की गई। अतिरिक्त जिला शासकीय अधिवक्ता मुनीष भटनागर ने बताया कि इस मामले में अदालत ने पत्रावली पर मौजूद साक्ष्यों के आधार पर सभी सात आरोपितों को दोषी करार देते हुए उन्हें आजीवन कारावास की सजा के साथ प्रत्येक पर अर्थदंड भी लगाया हैं।