लखनऊ, (हि.स.)। शासन के आंकड़े में सभी जिला मुख्यालयों पर 24 घंटे बिजली दी जा रही है, लेकिन हर जिला मुख्यालय पर स्थानीय दिक्कतों के कारण तीन से चार घंटे तक बिजली कटौती हो रही है, जिससे 40 के पार जा रहे तापमान में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि प्रदेश में 27 हजार मेगावाट के पार बिजली की मांग पहुंचने के बावजूद बिजली विभाग अभी तक व्यवस्था को संभालने में बहुत हद तक कामयाब है। अब केंद्र सरकार से मिले 35384 करोड़ रुपये से बिजली व्यवस्था का नवीनीकरण करने में विभाग जुट गया है।
उप्र पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष एम. देवराज ने बताया कि बिजली की मांग में प्रदेश में अब तक का सारे रिकार्ड टूट चुके हैं। इसके बावजूद विभाग बिजली को देने में कामयाब रहा है। अधिकारी और कर्मचारी दिन-रात एक कर व्यवस्था को सुधारने में लगे हुए है। उ0प्र0 पावर कारपोरेशन लगातार अपने सिस्टम को अपग्रेड करने की कोशिश कर रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार की आर0डी0एस0एस0 योजना प्रारम्भ हो चुकी है। इस योजना का मुख्य उदेश्य प्रदेश के डिस्कामों को गुणवत्ता पूर्ण निर्बाध विद्युत आपूर्ति किया जाना एवं लाइन हानियां कम करना है। इसमें 35384 करोड़ रुपये से प्रदेश की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था के आधुनिकीकरण एवं बेहतरी के लिये खर्च किया जायेगा।योजना के अन्तर्गत 15734.57 किलोमीटर आर्मड केबिल द्वारा एल0टी0 लाइनों का निमार्ण किया जायेगा। 117911.76 किलोमीटर एल0टी0 लाइन में खुले तारों के स्थान पर ए0बी0 केबिल की प्रतिस्थापना की जायेगी। 33 केवी0 एवं 11 केवी0 लाइनों में 22906 तथा 18081 कि0मी0 कन्डक्टर की प्रतिस्थापना की जायेगी। 27178.76 कि0मी0 कन्ज्यूमर आर्मर्ड सर्विस केबिल लगायी जायेगी।
उन्होंने कहा कि 10 जून को पहली बार विद्युत मांग 26672 मेगावाट के सापेक्ष आपूर्ति सुनिश्चित की गयी थी। फिर विगत 13 जून को 27611 मेगावाट मांग के सापेक्ष विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करके पावर कारपोरेशन ने विद्युत आपूर्ति का नया रिकार्ड बनाया है। प्रदेश के इतिहास में इतनी आपूर्ति कभी नहीं की गयी है। मानसून का प्रभाव प्रदेश में आनें तक लगभग एक सप्ताह का समय है। ऐसी स्थिति में यह मांग 28000 मेगावाट से ज्यादा तक पहुंच सकती है।
एम. देवराज ने कहा कि कृषि कार्यों को बेहतर विद्युत आपूर्ति हेतु कृषि पोषकों के पृथकीकरण 22397.44 कि0मी0 तथा मौजूदा वितरण परिवर्तकों पर अतिरिक्त सर्किट के लिये 123628 कि0मी0 ए0बी0 केबिल डाली जायेगी। अतिभारित पोषकों का विभक्तिकरण किया जायेगा, जिसमें 33 के0वी0 12596.82 कि0मी0 एवं 11 केवी0 4500.24 कि0मी0 का कार्य किया जायेगा। 31300 रैपेस्टिर बैंक लगाये जायेगे।
223.93 किमी एलटी लाइन किया जा चुका है भूमिगत
उन्होंने कहा कि विद्युत व्यवस्था सुधार हेतु इस योजना के कार्य प्रारम्भ भी हो गये हैं। अभी तक 1137 कि0मी0 ए0बी0 केबिल डाली जा चुकी है। 223.93 कि0मी0 एल0टी0 लाइनों को भूमिगत किया जा चुका है। उपभोक्ताओं के परिसर पर 80 कि0मीटर आर्मर्ड सर्विस केबिल लगाये जानें का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। छतिग्रस्त ट्रांसफार्मरों को निश्चित समयावधि में बदलनें का कार्य सुनिश्चित हो रहा है।
तीन लाख से ज्यादा बदले गये ट्रांसफार्मर
उन्होंने कहा कि 1 अप्रैल 2022 से आज तक तीन लाख से ज्यादा(315283) छतिग्रस्त ट्रांसफामरों को बदला गया है साथ ही अति भारित परिवर्तकों की क्षमता वृद्धि भी की जा रही है। बिजनेश प्लान के तहत 7092 परिवर्तकों की क्षमता वृद्धि की जा चुकी है। प्रदेश के सभी क्षेत्रों को निश्चित शिडयूल के अनुरूप विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।
बिजली विभाग के अनुसार महानगर व जिला मुख्यालयों पर मिल रही 24 घंटे बिजली
उनका कहना था कि स्टेट लोड डिस्पैच सेन्टर द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों को निश्चित शिडयूल से भी ज्यादा 18 घण्टे 5 मिनट पंचायतों को 21.30, तहसील 21.30, बुन्देलखण्ड 20, जिला, मण्डल, महानगर, तथा उद्योगों को 24 घण्टे विद्युत आपूर्ति की जा रही है।पूरे प्रदेश में कहीं भी इमरजेन्सी रोसटिंग नहीं की गयी है।स्थानीय दोषों को भी कम से कम समय में ठीककरने के निर्देश दिये गये है। इसके लिए प्रदेश में पूर्व में ही तैयारी कर ली गयी थी। वहीं जिला मुख्यालयों पर स्थानीय दिक्कतों के कारण हर दिन तीन से चार घंटे बिजली की कटौती हो रही है।