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10,000 वोल्ट का करंट होता है आसमानी बिजली में….जाने कैसे और क्यों गिरती है बिजली

सूर्य की सतह के तापमान से 5 गुना ज्यादा होती है गर्म

नई दिल्ली । बिहार में हाल ही में आसमानी बिजली गिरने से करीब 15 लोगों की मौत हुई है। बिजली की चपेट में आने से आरा में 3, जहानाबाद में 4, रोहतास में 3, औरंगाबाद में 4 और गया में 1 व्यक्ति की जान चली गई। मरने वालों में बच्चे और महिलाएं भी हैं। बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में बिजली गिरने की घटनाएं हाल के दिनों में बढ़ी हैं। बीते जून से लेकर जुलाई के दौरान देश भर में बिजली की चपेट में आने से कम से 150 से ज्यादा लोगों की मौत की रिपोर्ट दर्ज हुई हैं। हम समझते हैं कि क्या है आसमानी बिजली, यह कितनी घातक है।
रिपोर्ट के अनुसार, एक आसमानी बिजली में औसतन 10,000 वोल्ट जितना करंट होता है। वहीं, एक बिजली का तापमान 54 हजार डिग्री फॉरेनहाइट तक पहुंच सकता है। यानी यह हमारे सूर्य के सतह के तापमान से 5 गुना ज्यादा गर्म हो सकता है। आमतौर पर आसमानी बिजली की रफ्तार गोली से 30 हजार गुना तेज होती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में हर साल 140 करोड़ बिजली आसमान से गिरती है। यानी 1 दिन में औसतन 30 लाख बिजली धरती पर गिरती है। बिजली गिरने की रफ्तार इतनी तेज होती है कि यह चंद्रमा पर 55 मिनट में पहुंच सकती है। यानी दिल्ली से देहरादून तक जाने में महज 1.5 सेकेंड ही लेगी। एक स्टडी के अनुसार, दुनियाभर में हेलीकॉप्टरों की वजह से भी काफी बिजली गिरती है। दरअसल, आसमान में उड़ते वक्त हेलीकॉप्टर निगेटिव चार्जेज को सोखते हैं। अगर ये हेलीकॉप्टर उन इलाकों से गुजरते हैं जहां बादल पॉजिटिव रूप से चार्ज हों तब वहां पर आसमानी बिजली गिरने की आशंका बढ़ जाती है।

आसमानी बिजली से एक बार 1.60 लाख ब्रेड सेंकी जा सकती है। अगर ग्लोबल वॉर्मिंग पर लगाम समय रहते नहीं लगाती तब साल 2100 में आज के मुकाबले 50 फीसदी ज्यादा बिजली गिरने की आशंका रहेगी। आसमान में उड़ने वाले प्लेन पर भी बिजली गिरती है, मगर इन पर इसका असर नहीं होता है। दरअसल, 1963 के बाद हवाई जहाजों पर बिजली गिरने से कोई हादसा नहीं हुआ है, क्योंकि अब प्लेन को खास तरीके से डिजाइन किया जाता है, जिससे बिजली इन्हें नहीं छूती है। ज्यादातर प्लेन एल्युमिनियम के बने होते हैं जो बिजली को प्लेन के बाहरी हिस्से पर चारों ओर फैला देते हैं और अंदर नहीं जाने देते हैं। प्लेन की ईंधन टंकी को भी बिजली के खतरनाक प्रवाह से गुजार दिया जाता है, ताकि किसी तरह की विस्फोट की आशंका न रहे।
रिपोर्ट के अनुसार, बिजली कड़कते समय सेल फोन और कॉर्डेड (तार वाले) फोन को तूफान और बिजली कड़कते समय इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि, ये किसी भी चार्जर या जमीन से कनेक्ट न होने चाहिए। तार वाले लैंडलाइन फोन और चार्जर पर लगे स्मार्टफोंन के इस्तेमाल से बचना चाहिए। सभी तरह के इलेक्ट्रिक उपकरण टीवी, रेफ्रिजरेटर, कंप्यूटर-लैपटॉप की तरफ भी आसमानी बिजली अट्रैक्ट होती है।

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