वाराणसी, (हि.स.)। उन्नत नस्ल की स्वदेशी गायों के पालन से भी पशु पालकों की आय बढ़ सकती है। गिर, साहीवाल एवं थारपारकर प्रजाति की गायों को खरीदने के लिए मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ-संवर्धन योजना के अन्तर्गत अधिकतम 80,000 रुपये का अनुदान मिलेगा। महिला दुग्ध उत्पादकों/गौपालकों को 50 प्रतिशत वरीयता दी जाएगी।
जिला समन्वय, उप दुग्धशाला विकास अधिकारी अखिलेंद्र मिश्रा ने सोमवार को बताया कि क्रय की जाने वाली गाय प्रथम अथवा द्वितीय ब्यात की होनी चाहिए। अनुदान 02 गाय की इकाई की स्थापना के लागत का 40 प्रतिशत, अधिकतम 80,000 रुपये तक अनुमन्य है। क्रय की गई गायों का 03 वर्षों का पशु बीमा एकमुश्त कराया जाना एवं गायों को लाये जाने के लिए ट्रांजिट बीमा भी कराया जाना अनिवार्य होगा। उन्होंने बताया कि एक दुग्ध उत्पादक, पशुपालक 02 गायों की एक इकाई स्थापित करने के लिए पात्र होगा। क्रय की जाने वाली गाय के रोगमुक्त एवं स्वस्थ होने का पशु चिकित्साधिकारी से मिला स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र अनिवार्य है। गायों की पहचान के लिए माइको चिप्स/ईयर टैगिंग सिस्टम/पहचान की किसी भी मान्यता प्राप्त प्रणाली से ईयर टैगिंग होना अनिवार्य है। अनुदान के लिए विशेष घटक के संबंध में उन्होंने बताया कि इकाई के स्थापना पर लागत का मूल्यांकन गाय के क्रय, गाय के परिवहन, पशु ट्रांजिट बीमा, तीन वर्ष के लिए पशु बीमा, चारा काटने की मशीन के क्रय एवं गाय के रख-रखाव के लिए शेड निर्माण पर व्यय धनराशि को सम्मिलित करते हुए किया जायेगा।
अनुदान के लिए पात्रता के संबंध में उन्होंने बताया कि आवेदक उत्तर प्रदेश का निवासी हो, आवेदक की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए, आवेदक के पास पशुओं को रखने के लिए स्थान,शेड उपलब्ध हों । आवेदक के पास पहले से ही 02 गायों से अधिक स्वदेशी उन्नत नस्ल की गिर, साहीवाल, हरियाणा, थारपारकर एवं संकर प्रजाति की एफ-1 गाय न हो। योजना के संबंध में आवेदन पत्र का प्रारूप व सम्बन्धित शासनादेश विभागीय पोर्टल तथा सम्बन्धित जनपद के मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी, दुग्धशाला विकास अधिकारी, उप दुग्धशाला विकास अधिकारी के कार्यालयों से प्राप्त किया जा सकता है।