बिजनौर, (हि.स.)। शहर का सबसे बड़ा निजी अस्पताल स्टांप चोरी के मामले में घिर गया है। एडीएम वित्त एवं राजस्व ने कम कीमत के स्टांप लगाने के मामले में 25 लाख रुपये जुर्माना अदा करने का आदेश जारी किया है। इस मामले में कृषि भूमि दर्शाते हुए बैनामा कराया गया, जबकि जमीन का उपयोग व्यवसायिक हितों के लिए किया जा रहा है। जिसे प्रशासन की टीम ने पकड़ लिया।
एडीएम वित्त एवं राजस्व अरविंद कुमार की कोर्ट ने पिछले महीने हीलर्स अस्पताल के स्वामी डॉ. राजीव सिंह निवासी नई बस्ती के केस में आदेश जारी किया। आदेशों में कहा गया कि महमूदा जैदी से कृषि भूमि खरीदी गई थी, इस जमीन का बैनामा रिसर्च एंड हेल्थ केयर सेंटर द्वारा डाॅ. राजीव सिंह को हुआ। मामले में बताया गया कि बैनामा कराते हुए इस जमीन को कृषि भूमि दिखाया गया था। जांच में भूमि के व्यवसायिक होने के तथ्यों को छिपाया गया और कृषि भूमि की दर से ही स्टांप लगाए गए।
एडीएम वित्त एवं राजस्व अरविंद सिंह ने बताया कि मौके पर पहुंचकर अस्पताल के डायरेक्टर की मौजूदगी में मामले की जांच की गई। जांच में पाया गया कि उक्त भूमि का व्यवसायिक उपयोग हो रहा है। जिसकी कीमत कृषि भूमि के मुकाबले ज्यादा बैठती है। हालांकि इस केस के संबंध में हीलर्स अस्पताल के स्वामी को नोटिस भी जारी किए गए थे, नोटिस के जवाब से कोर्ट संतुष्ट नहीं हुई थी।
आदेश में कहा गया कि स्टांप शुल्क के साढ़े चौदह लाख रुपये, निबंधन शुल्क दो लाख रुपये, ब्याज के सात लाख रुपये तथा अर्थदंड करीब डेढ़ लाख रुपये अदा करने होंगे। इस तरह से कुल मिलाकर 25 लाख रुपये अदा करने होंगे।
इस मामले में हीलर्स अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. राजीव सिंह ने बताया कि कोर्ट के आदेश के कॉपी हमें करीब चार दिन पहले ही मिली है। हम इस आदेश के खिलाफ कमिश्नर कोर्ट में अपील कर रहे हैं।