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सेमीकंडक्टर विनिर्माण इकाइयों के लिए उप्र होगा सबसे अनुकूल राज्य : मुख्यमंत्री योगी

-मुख्यमंत्री योगी ने उप्र की सेमीकंडक्टर नीति तैयार करने के दिये निर्देश

लखनऊ (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में उत्तर प्रदेश की सेमीकंडक्टर नीति तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि तेजी से बदलते आज के तकनीक प्रधान युग में सेमीकंडक्टर की बड़ी भूमिका है। अनुमान के मुताबिक वैश्विक सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम का वित्तीय वर्ष 2022 में राजस्व 950 बिलियन डॉलर से अधिक का है। निश्चित रूप से यह एक व्यापक क्षेत्र है। इसमें अपार संभावनाएं हैं।

योगी ने कहा कि सेमीकंडक्टर क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने के लिए भारत सरकार द्वारा 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर का प्रोत्साहन परिव्यय दिए जाने का निर्णय लिया गया है। सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले इकोसिस्टम के लिए फैब इकाइयां, मिश्रित सेमीकंडक्टर, आउटसोर्स सेमीकंडक्टर, असेंबली और टेस्ट इकाइयों, परीक्षण और पैकेजिंग इकाइयों का होना बेहतर इकोसिस्टम बनाता है। हमें भी ऐसा परिवेश तैयार करना होगा।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा सेमीकंडक्टर विनिर्माण सेवाओं जैसे सेमीकंडक्टर फैब, डिस्प्ले फैब्स, कंपाउंड सेमीकंडक्टर के लिए प्रोत्साहन दिया जा रहा है। प्रदेश सरकार को इस संबंध में अपनी आकर्षक नीति घोषित करनी चाहिए। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 के दौरान इस सेक्टर में हमें इस संबंध में उत्साहजनक प्रस्ताव भी मिले हैं। हमें इन अवसरों का लाभ लेना चाहिए।

नीति में वित्तीय और गैर वित्तीय प्रोत्साहन संवितरण का प्रावधान होना चाहिए

मुख्यमंत्री ने कहा कि वैश्विक सेमीकंडक्टर निवेशकों को आकर्षित करने के लिए अपनी नीति के अंतर्गत वित्तीय और गैर वित्तीय प्रोत्साहन संवितरण का प्रावधान होना चाहिए। ऐसा करने वाला उत्तर प्रदेश देश में तीसरा राज्य होगा। नई नीति में भारत सरकार द्वारा अनुमोदित पूंजीगत उपादान पर अतिरिक्त पूंजी उपादान भी दिया जाना चाहिए। भूमि की खरीद व पट्टे पर पर स्टाम्प शुल्क में छूट का प्रावधान भी हो। इसी प्रकार, विद्युत शुल्क में छूट, नेट एसजीएसटी प्रतिपूर्ति, दोहरी पावर ग्रिड नेटवर्क ट्रांसमिशन और व्हीलिंग शुल्क, कौशल विकास और प्रशिक्षण, पेटेंट, जलापूर्ति, पॉवर बैकिंग तथा अनुसंधान एवं विकास सहायता के लिए नीति में स्पष्ट प्रावधान किए जाए।

अन्य राज्यों की नीतियों का भी आंकलन करने का निर्देश

उन्होंने कहा कि नीति को तैयार करते समय इस संबंध में अन्य राज्यों की नीतियों का आंकलन भी करें। इस सेक्टर के विशेषज्ञों एवं स्टेक होल्डर्स से भी परामर्श करें।

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