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सीधी भर्ती में नियमित रूप से पढ़ाने वाले शिक्षकों को नहीं मिलेगा लाभ, हाईकोर्ट ने कहा…

 

–कहा, भर्ती में रेग्यूलेशन 10 लागू नहीं, यह एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर की पदोन्नति पर लागू होगा

–एडहॉक या गेस्ट फैकल्टी के रूप में पढ़ा रहे शिक्षकों को बड़ी राहत

प्रयागराज (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विश्वविद्यालयों और उससे सम्बद्ध कॉलेजों में एडहॉक या गेस्ट फैकल्टी के तौर पर पढ़ा रहे शिक्षकों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने कहा है कि शिक्षकों के चयन में उनके अनभुवों पर अंक दिए जाएंगे। यह लाभ केवल यूजीसी के नियमों के तहत नियमित शिक्षकों को ही नहीं दिया जाएगा। कोर्ट ने कहा है कि सहायक प्रोफेसर भर्ती में रेग्यूलेशन 10 लागू नहीं होगा। यह रेग्यूलेशन केवल एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर की पदोन्नति में लागू होगा।

 

 

 

यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र तथा न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने गीतांजलि तिवारी व कई अन्य की अपीलों व पुनर्विचार अर्जी को तय करते हुए दिया है। कोर्ट ने कहा सहायक प्रोफेसर की सीधी भर्ती में नियमित अध्यापन अनुभव जरूरी नहीं है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में शिक्षकों की भर्ती में शैक्षिक योग्यता मानक के अनुसार अध्यापन अनुभव केवल बेहतर अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में बुलाने के लिए शार्टलिस्ट किए जाने की व्यवस्था की गई है।

 

 

 

कोर्ट ने चयनित अध्यापकों के बारे में कहा क्योंकि वे याचिका में पक्षकार नहीं है। उनकी शार्टलिस्टिंग में क्राइटेरिया का पालन हुआ या नहीं। इस समय नहीं देखा जायेगा। कोर्ट ने रेग्यूलेशन 10(एफ)(111) की वैधता को चुनौती याचिका को निस्तारित करते हुए यह व्याख्या दी है और साफ कहा कि यह रेग्यूलेशन सहायक प्रोफेसर सीधी भर्ती में लागू ही नहीं होगा। इसलिए अभ्यर्थियों की क्लाज 7 टेबल 3ए के अनुसार शार्टलिस्टिंग की जाय।

 

 

 

याचिका पर अधिवक्ता आलोक कुमार यादव ने बहस किया। मामले में इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने सहायक प्रोफेसर नियुक्ति का 28 नवम्बर 22 को विज्ञापन दिया। याची ने संस्कृत विषय में आवेदन दिया। शैक्षिक अनुभव के उसे 10 अंक मिलने चाहिए। किंतु विश्वविद्यालय ने शैक्षिक अनुभव का अंक न जोड़ते हुए उसे साक्षात्कार के लिए नहीं बुलाया गया।

 

 

 

गठित चयन समिति ने रेग्यूलेशन 10 के तहत नियुक्ति क्राइटेरिया निर्धारित की और शार्टलिस्ट कर साक्षात्कार लिया। जिसके अनुसार नियमित सहायक प्रोफेसर के वेतन के बराबर वेतन पाने वाले टीचिंग अनुभव वालों को ही शार्टलिस्ट किया गया। कोर्ट ने इसे सही नहीं माना। कहा यह रेग्यूलेशन इस भर्ती में लागू नहीं होगा।

 

 

 

गेस्ट फैकल्टी टीचर आदि के अध्यापन अनुभव को अंक देकर शार्टलिस्ट की व्यवस्था केवल बेहतर अभ्यर्थियों के साक्षात्कार के लिए अपनाई जानी है। यूजीसी के मानक के अनुसार पद पर नियुक्ति योग्यता रखने वालों की शार्टलिस्ट की जानी चाहिए। कोर्ट ने विश्वविद्यालय को याचियों की शार्टलिस्टिंग कर साक्षात्कार लेने का निर्देश दिया है।

 

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