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सीतापुर : कभी चौथे स्थान पर रहने वाली भाजपा आज सबसे ऊपर

 -अब पान की दुकान पर भी नहीं होती बसपा की चर्चा

-चुनाव लड़ने के लिए अभी तक नहीं आया कोई सामने

सीतापुर। हमारे यहां अवधी में एक कहावत है कि समय होत बलवान, इसे कोई मत मानो झूठी। यह कहावत आज बहुजन समाज पार्टी पर पूरी तरह से सटीक बैठ रही है। जिस बहुजन समाज पार्टी की कभी पूरे प्रदेश में तूती बोलती थी और उसका टिकट पाने की होड़ रहती थी आज पान की दुकानों पर भी कोई उसकी चर्चा करना तक पसंद नहीं करता। इसे कहते हैं ‘दिनन के फेर’। बसपा दल के सूत्रों की ही माने तो आज के समय में बसपा से कोई टिकट तक मांगने वाला नहीं है। लोगों का सवाल है कि आखिर किस कारणवश बसपा इतना ‘साइलेंट’ हो गई। वहीं दूसरी तरफ जिस भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी कभी चुनाव में चौथे स्थान पर आते थे आज वह पूरे देश में टॉप है।

 

कभी बसपा ने सीतापुर में लगाई थी जीत की हैट्रिक

जिस तरह से आज सीतापुर जिला भाजपामय है उसी तरह से कभी बसपामय हुआ करता था। यही सांसद राजेश वर्मा जो आज भाजपा के सांसद है बसपा से 1999 में पहली बार सीतापुर लोकसभा से सांसद हुआ करते थे। जनता ने उन्हें बसपा से सांसद बनाकर लोकसभा भेजा था। उस चुनाव में उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी जनार्दन मिश्र को हराया था। तीसरे स्थान पर सपा के मुख्तार अंसारी तथा चौथे स्थान पर कांग्रेस से अम्मार रिजवी रहे थे। उसके बाद वर्ष 2004 में भी जनता ने राजेश वर्मा पर भरोसा जताया और उन्हें जीत हासिल हुई। इसके बाद वर्ष 2009 में बसपा ने सासंद राजेश वर्मा को सीतापुर की बजाए धौरहरा लोकसभा से टिकट दिया जहां वह हार गए थे लेकिन सीतापुर लोकसभा में बसपा ने फिर जीत हासिल करते हुए हैट्रिक लगाई और यहां से लहरपुर की कैसरजहां सांसद बनी, जो कि वर्ष 2014 तक रही। इस दौरान भाजपा ने प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर गति पकड़ी और इस वर्ष बसपाई होने वाले राजेश वर्मा भाजपाई हो गए तथा वह सीतापुर लोकसभा सीट से भाजपा के सिंबल पर लडकर जीते और पुनः तीसरी बार सांसद बने। इसके बाद वर्ष 2019 में भी भाजपा के सिंबल पर वह सांसद बने जो अभी तक है। वहीं इसी जिले की दूसरी लोकसभा मिश्रिख पर भी बसपा का लगातार दो बार कब्जा रहा है। जिसमें बसपा से 2004 तथा 2009 में अशोक रावत सांसद रहे। इसके बाद 2014 से इस पर भाजपा ने कब्जा किया जो आज भी बरकरार है। वहीं जिले में विधानसभा की बात करें तो वर्ष 2007 में बसपा की कुल चार सीटें थीं जिसमें सिधौली, हरगांव, बिसवां तथा लहरपुर शामिल थी। वहीं 2012 में हरगांव तथा लहरपुर में बसपा के विधायक थे जबकि उसके बाद 2017 में सिधौली की सीट बसपा के खाता में गई और 2022 में एक भी नहीं मिली।

बसपा तथा भाजपा के सांसद

लोकसभा वर्ष      जीता हुआ प्रत्याशी

2019                राजेश वर्मा, भाजपा

2014          राजेश वर्मा, भाजपा

2009                कैसर जहां, बसपा

2004          राजेश वर्मा, बसपा

1999          राजेश वर्मा, बसपा

1998                जनार्दन प्रसाद मिश्रा, भाजपा

1991                जनार्दन प्रसाद मिश्रा, भाजपा

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