नई दिल्ली (हि.स.)। आपात स्थिति में चार घंटे से अधिक समय तक आसमान में चक्कर काटने के बाद सिर्फ बाएं मुख्य पहिये के सहारे परिवहन विमान की इमरजेंसी लैंडिंग कराने वाले विंग कमांडर शिव कुमार चौहान को भारतीय सैन्य बलों की सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वायु सेना पदक से सम्मानित किया है। उन्होंने त्वरित निकासी ड्रिल को भी अंजाम दिया, जिससे विमान में सवार सभी तीन लोगों की जान बच गई।
दरअसल, 01 दिसंबर 2022 को विंग कमांडर एसके चौहान को बेस से दूसरे हवाई क्षेत्र तक प्रशिक्षण क्रॉस कंट्री के लिए एक प्रशिक्षु पायलट के साथ एक परिवहन विमान पर निर्देशात्मक उड़ान भरने और रात तक वापस जाने के लिए भेजा गया था। आउटबाउंड लेग में जब लैंडिंग गियर को गंतव्य पर उतरने के लिए नीचे किया गया, तो केवल नोज लैंडिंग गियर ने सुरक्षित संकेत दर्शाए, जबकि मुख्य लैंडिंग गियर संकेत असुरक्षित रहे। इस पर उन्होंने आपातकालीन कार्रवाई शुरु की और होम बेस पर लौटने पर उन्होंने एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) से लैंडिंग गियर की दृश्य जांच का अनुरोध किया।
असुरक्षित संकेतों की पुष्टि होने के बाद उन्होंने लैंडिंग गियर को नीचे करने के लिए आपातकालीन प्रणाली का संचालन किया, लेकिन यह प्रयास भी असफल रहा। इन असाधारण परिस्थितियों में जब मुख्य और आपातकालीन प्रणाली तीनों पहियों को नीचे करने में विफल रही, तो उन्होंने सराहनीय संयम बनाए रखा और पेशेवर तरीके से स्थिति संभाली। लैंडिंग भार को कम करने के लिए उन्होंने एसी चलाए रखा और हवाई जहाज के पहिये को नीचे करने के प्रयास किये। इसके परिणामस्वरूप बायां मुख्य लैंडिंग गियर लॉक हो गया। आपात स्थिति के कारण वह चार घंटे से अधिक समय तक आसमान में चक्कर काटते रहे। सभी संभावित विकल्पों का उपयोग करने के बाद उन्होंने केवल बाएं मुख्य और नाक के पहिये पर आपातकालीन लैंडिंग करने का साहसी निर्णय लिया, जबकि दायां पहिया बंद था।
रात में अनुभवहीन दल के साथ उड़ान भरने की सभी बाधाओं को कम करने के लिए सावधानीपूर्वक योजना बनाई गई। 02 दिसंबर 22 को 02.56 बजे उन्होंने दाएं पहिये को लॉक करके केवल बाएं मुख्य पहिये और नोज व्हील के सहारे आपात लैंडिंग को अंजाम दिया। इस पर विमान दायीं ओर मुड़कर रनवे से बाहर चला गया। इस सबके दौरान विंग कमांडर चौहान ने विमान को नियंत्रित करने के लिए अनुकरणीय पायलटिंग कौशल और साहस का प्रदर्शन किया। इसके बाद एक त्वरित निकासी ड्रिल को अंजाम दिया, जिससे विमान में सवार सभी तीन लोगों की जान बच गई। इस असाधारण व्यावसायिकता और साहस के लिए विंग कमांडर शिव कुमार चौहान को वायु सेना पदक से सम्मानित किया गया है। फ्लाइंग (पायलट) चौहान इस समय मुख्य फ्लाइंग प्रशिक्षक के रूप में परिवहन विमान बेस पर तैनात हैं।