-लाचेन और लाचुंग में करीब 3000 पर्यटक फंसे, राहत और बचाव कार्य जारी
गंगटोक, (हि.स.)। सिक्किम में तीस्ता नदी में आई विनाशकारी बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 19 हो गई है। भारतीय सेना के 22 जवानों समेत कुल 103 लोग अब भी लापता हैं।
सिक्किम के मुख्य सचिव वीबी पाठक ने बताया कि उत्तरी सिक्किम के लाचेन और लाचुंग में फंसे हुए सभी पर्यटक सुरक्षित हैं और आवश्यक वस्तुओं की कोई कमी नहीं है। सिक्किम सरकार ने भारतीय सेना और वायुसेना से संपर्क स्थापित कर लाचेन, लाचुंग और चुंगथांग में फंसे लोगों को निकालने की तैयारी शुरू कर दी है। मौसम अनुकूल रहा तो यह काम कल, शुक्रवार से शुरू किया जाएगा।
लाचेन और लाचुंग में लगभग 3000 पर्यटक और सात से आठ सौ ड्राइवर फंसे हुए हैं। मुख्य सचिव ने बताया कि उत्तरी सिक्किम में फंसे लोगों को एयर कनेक्टिविटी के जरिए मंगन और वहां से सरकारी बसों के जरिए गंगटोक लाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में किसी भी आवश्यक खाद्य पदार्थों की कमी न हो, यह सुनिश्चित किया जा रहा है।
गुरुवार को दूसरे दिन भी सिक्किम सरकार ने विनाशकारी बाढ़ से तबाह हुए स्थानों पर विभिन्न बचाव टीमों की मदद से दिनभर खोज और बचाव अभियान चलाया। सिंगताम से कुछ लोगों को बचाया गया है। डिक्चू में एनएचपीसी बांध के नियंत्रण कक्ष में फंसकर मारे गये दावा लेप्चा का शव मिला है।
सिंगताम के पास सिरवानी स्थित एनएचपीसी फेज-6 के निर्माणाधीन बांध में कुछ शव मिले हैं, जिसे निकालने की कोशिश की जा रही है। राज्य के मंगन, गंगटोक, पाकिम और नामची जिलों के विभिन्न स्थानों में प्रभावित लोगों के लिए राहत शिविर स्थापित किया गया है।
सिक्किम को जोड़ने वाली एकमात्र राष्ट्रीय राजमार्ग 10 पूरी तरह से बंद होने से राज्य में ईंधन समेत खाद्य पदार्थां की कमी की संभावना बढ़ गई है। इस बीच राज्य खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग खाद्य पदार्थों और सब्जियों की कीमत को नियंत्रित करने के लिए पहल शुरू कर दी है।