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 सावन के पांचवे सोमवार पर शिवमय हुई काशी नगरी, चहुंओर हर-हर महादेव का उद्घोष

– बाबा विश्वनाथ के दरबार में श्रद्धालुओं मत्था टेक रहे, दरबार में शाम को भगवान शिव के साथ तपस्यारत पार्वती का शृंगार दर्शन

वाराणसी,07 अगस्त (हि.स.)। सावन के पांचवे सोमवार पर काशी विश्वनाथ की नगरी शिवमय हो गई है। श्री काशी विश्वनाथ के स्वर्णिम दरबार में भोर से ही श्रद्धालु मत्था टेक बाबा के पावन ज्योर्तिलिंग का जलाभिषेक कर रहे है।

सावन के पांचवे और पुरुषोत्तम मास में बाबा के दरबार में मंगला आरती के बाद स्वर्णमंडित गर्भगृह के कपाट खुलते ही शुरू हुआ दर्शन-पूजन का सिलसिला अनवरत जारी है। मंदिर के गर्भगृह के बाहर से ही शिव भक्तों और कांवरियों को झांकी दर्शन मिल रहा है। पावन ज्योर्तिलिंग पर जल चढ़ाने के लिए लोहे के पात्र लगाए गए है। इन पात्रों से होकर गंगाजल और पूजा सामग्री सीधे बाबा के ज्योर्तिलिंग तक पहुंच रही है।

गंगा घाट से गोदौलिया चौक तक शिवभक्त दर्शन पूजन के लिए कतारबद्ध है। दरबार में दर्शन पूजन के लिए हजारों श्रद्धालु मध्यरात्रि के बाद से ही बैरिकेडिंग में कतारबद्ध होने लगे थे। सुबह श्रद्धालुओं की एक तरफ कतार गोदौलिया से होते हुए दशाश्वमेध घाट और दूसरी कतार चौक से आगे निकल गई थी। मंदिर प्रशासन से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार रविवार को शयन आरती तक तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ के दरबार में दर्शन पूजन कर लिया था। सावन माह के चारों सोमवार को बाबा के दरबार में भक्तों की रिकॉर्ड संख्या दर्शन पूजन के लिए पहुंची।

हर सोमवार को औसतन पांच से छह लाख शिवभक्त मंदिर में दर्शन पूजन के लिए पहुंच रहे है। वहीं सावन माह में प्रतिदिन औसतन 1.5 लाख श्रद्धालु काशी विश्वनाथ दरबार में दर्शन पूजन कर रहे हैं। गंगा में बढ़ाव को देखते हुए सुरक्षा कारणों से ललिता घाट से श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद है। जो दर्शनार्थी मैदागिन चौराहा की ओर से आ रहे है। वे गेट नंबर-चार के पास बने चेकिंग पॉइंट से प्रवेश कर मंदिर में पहुंच रहे है। दर्शन के बाद उन्हें नंदू फारिया निकास द्वार से निकाला जा रहा है। जो शिवभक्त गोदौलिया चौराहे की ओर से आ रहे है, वह बांसफाटक से कोतवालपुरा होते हुए ढूंढीराज गणेश चेकिंग पॉइंट से मंदिर में प्रवेश कर रहे है। दर्शन के बाद वे नंदू फारिया निकास द्वार से निकल रहे है। इसी क्रम में जो दर्शनार्थी दशाश्वमेध घाट की ओर से आ रहे, वे सरस्वती फाटक से प्रवेश कर वाईएसके-2 चेकिंग पॉइंट से होकर दर्शन के बाद सरस्वती फाटक से ही निकल रहे हैं।

सावन माह के पांचवे सोमवार को महामृत्युंजय, गौरी केदारेश्वर, तिलभांडेश्वर, शूलटंकेश्वर, बीएचयू विश्वनाथ मंदिर सहित सभी प्रमुख शिवालयों में जलाभिषेक के लिए भीड़ उमड़ रही है। चौबेपुर कैथी स्थित मार्कंडेय महादेव धाम में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की अटूट कतार लगी हुई है। आस्था की कतार शिव के दरबार तक एकाकार नजर आ रही है।

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