फर्जी आईएएस आईपीएस और आईआरएफ की आईडी से मासूम के इलाज के नाम पर हो रही ठगी
साइबर जालसाज नामी चेहरों को बना रहे, निशाना
लखनऊ। साइबर जालसाजों ने सोशल मीडिया पर ठगी का नया खेल शुरू किया है। ठग किसी आम व्यक्ति से नहीं बल्कि उन लोगों के साथ ठगी का खेल कर रहे है। जो लोग अपने क्षेत्रों में प्रभाव रखते हो । जालसाज उन्हें फर्जी आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की आईडी से सोशल मीडिया अकाउंट पर मैसेज भेजकर मासूम की मदद के नाम पर पैसों की डिमांड कर रहे है।वहीं अब ठगों ने ट्विटर को नया ठिकाना बनाया है। जहां जालसाज एक्टिव प्रोफाइल को चिन्हित कर मदद के नाम पर पैसों की मांग कर रहे है।
आईएएस आईपीएस आईआरएफ का फर्जी अकाउंट बनाकर चल रहा ठगी का खेल
साइबर सेल के अफसरों की माने तो जालसाज पहले दूसरों के नाम से आईडी बनाकर उन्हे मेसेंज कर पैसें मंगते थे। लेकिन राजस्थान से चल रहा ठगी का नया खेल । कुछ अलग तरह का है। अब जालसाजों ने ट्विटर जैसी सोशल मीडिया साइट को नया ठिकाना बनाया है। जहां वो फर्जी आईएएस आईपीएस आईआरएफ जैसे अधिकारियों की प्रोफाइल बनाकर एक्टिव रहते है। और उन व्यक्तियों को चिन्हित करते है। जिनका समाज में ज्यादा प्रभाव हो । जालसाज उसे लिंक भेजते है, जब वो व्यक्ति उसे खोलता तो उसमें एक मासूम की फोटो होती जो अस्पताल में होता जिसके जालसाज उसे अंग्रेजी में मैसेज कर लिखते की इस मासूम की किडनी खराब है। जो अब वेंटिलेटर पर जैसा आप देख सकते है। डॉक्टरों ने कहां है कि किडनी बदलनी पड़ेगी। जिसके लिए काफी पैसा चाहिए आप मदद कर दे। ताकि मासूम को नई जिन्दगी मिल सके । इसी तरह अपनी बातों में फंसाकर उस व्यक्ति को सोचने पर मजबूर कर देते है। जिसके बाद व्यक्ति सोचता है, कि इतना बड़ा अधिकारी मदद मांग रहा है। चलो पैसे भेज दे और वो ठगों की बातों में आकर उनका शिकार बन जाता है।
कैसे करें जालसाजों से बचाव
सोशल मीडिया पर अपने अकाउंट को रखें लॉक
अनजान आईडी से आए मेसेज को करें इगनोर
पैसों की डिमांड के मैसेज पर जांच पड़ताल करें
किसी की मदद के नाम से आए मैसेज की जांच पड़ताल करें
ठगी होने पर साइबर क्राइम सेल में शिकायत दर्ज करें
सोशल मीडिया पर ठगी के मामले
गुडम्बा के रहने वाले पंकज कुमार के अनुसार उनके ट्विटर अकाउंट पर उनके एक पहचान वाले का मैसेज आया तो उन्होने उसे खोला जिसमें एक मासूम बच्ची की फोटो थी। उसे इलाज के नाम पर पैसे मांगे गए थे। जिसके बाद पीड़ित ने पंद्रह हजार रुपए उसमें दिए खाते में डाल दिया। बाद में उन्हे पता चला की वो अकाउंट फर्जी है।
दुबग्गा निवासी के अनुसार उनके रिश्तेदार पुलिस में है, और कानपुर देहात में तैनात है। उनके नाम से उन्हें ट्विटर पर मैसेज आया की बीमार बच्ची के इलाज के लिए पैसे चाहिए जिसके बाद उन्होंने उसमें दिए खाते में बीस हजार रुपए डाल दिए। जब उन्होंने अपने रिश्तेदार से बात की तो पता चला कि उन्होने कोई मैसेज नहीं किया । इसी तरह से जालसाज लगातार ट्विटर पर एक्टिव होकर ठगी को अन्जाम दे रहे है।
साइबर क्राइम सेल के अफसरों की मानें तो इस तरह की ठगी का खेल सामने आने के बाद साइबर क्राइम सेल सतर्क हो गया है। वहीं उन्होने बताया की जालसाज राजस्थान के भरतपुर से बैठकर फर्जी आईएएस और आईपीएस की आईडी बनाकर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे है। और ठगे गए पैसों को अलग-अलग खातों में डाल रहे है।