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सरयू एक्सप्रेस ट्रेन में घायल महिला हेड कांस्टेबल के साथ रेप की पुष्टि नहीं : एसटीएफ

प्रयागराज,  (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट में आदेश से हाजिर एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि महिला हेड कांस्टेबल के साथ सरजू एक्सप्रेस ट्रेन में घटी घटना को लेकर शासन स्तर पर शख्स निर्देश जारी है। बताया गया कि 7 सितम्बर को समूचे घटना की जांच एसटीएफ को सौंप दी गई है और एसटीएफ ने विवेचना करते हुए घायल महिला कांस्टेबल का मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान भी दर्ज कराया है। कोर्ट में उपस्थित एसटीएफ के सीओ ने बताया महिला द्वारा दिए गए धारा 161 व 164 के बयानों में भिन्नता है। कहा गया कि महिला ने भी अपने बयानों में रेप की बात नहीं कही है।

एसटीएफ के अधिकारी ने कहा कि घायल महिला की मानसिक स्थिति अभी भी पूरी तरह से ठीक नहीं है। इस कारण उसके बयानों में भिन्नता हो रही है। कोर्ट को बताया गया की महिला हेड कांस्टेबल के साथ सरयू एक्सप्रेस ट्रेन के जिस बोगी में घटना घटी है, वहां अंधेरा था और सीसीटीवी में कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा है। बताया गया की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में यह बात उभर कर आ रही है कि उसका प्रॉपर्टी को लेकर भी विवाद चल रहा है। यह भी कहा गया कि घायल महिला ने घटना को लेकर अपने किसी भी बयान में किसी को इंगित नहीं किया है।

घटना को लेकर अधिवक्ता राम कौशिक की याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर एवं जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने एसटीएफ के अधिकारी से पूछा की विवेचना में कितने लोगों को लगाया गया है तो इस पर बताया गया की कुल 26 लोग इस घटना का खुलासा करने के लिए एसटीएफ की तरफ से लगे हैं। कहा गया की शीघ्र ही हम लोग इस घटना का खुलासा कर लेंगे। बताया गया कि मेडिकल बोर्ड का भी गठन किया गया है और मेडिकल जांच में भी हेड कांस्टेबल घायल महिला के साथ रेप की पुष्टि नहीं हुई है। कोर्ट से जांच पूरी करने के लिए 03 सप्ताह के और समय की मांग की गई। अदालत ने इस केस की सुनवाई के लिए 03 सप्ताह बाद 09 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की है। अदालत ने कोर्ट में कहा कि उसे जांच टीम पर पूरा भरोसा है।

मालूम हो 30 अगस्त 2023 को प्रयागराज फाफामऊ से सरयू एक्सप्रेस ट्रेन में बैठकर महिला हेड कांस्टेबल सुमित्रा पटेल ड्यूटी पर अयोध्या जा रही थी। वह अयोध्या हनुमानगढ़ी में ड्यूटी पर थी। रास्ते में ट्रेन में मनकापुर से अयोध्या के बीच रात्रि में घटना घटी थी जिसमें उसके चेहरे पर बुरी तरीके से वार कर मरणासन्न स्थिति में ट्रेन की सीट के नीचे छोड़ दिया गया था। इस घटना को लेकर मीडिया में काफी चर्चा थी। जिस पर कोर्ट ने याचिका पर सरकार से जवाब तलब किया था।

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