Breaking News

सरकारी दस्तावेज बेचने के मामले में सीडीओं ने दर्ज कराया मुकदमा, जानिए पूरा मामला

कानपुर,  (हि.स.)। विकास भवन में समाज कल्याण विभाग की सरकारी फाइलें बेचने के मामले में मुख्य विकास अधिकारी सुधीर कुमार ने नवाबगंज थाने में सफाई कर्मी मोहन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। कार्यों में घोर लापरवाही करने वाले पटल सहायक हरेंद्र सक्सेना के खिलाफ शिकायती पत्र शासन को भेजा है।

सीडीओं ने समाज कल्याण विभाग के लापरवाह अधिकारियों को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है। वहीं समाज कल्याण विभाग के 23 नम्बर कमरे से वृद्धा पेंशन के वर्ष 2017 से 2022 तक के सत्यापन के दस्तावेज गायब हैं।

इस संबंध में समाज कल्याण अधिकारी त्रिनेत्र सिंह के मुताबिक कबाड़ी के यहां से 2023 के सत्यापन की 31 फाइलें एवं दस्तावेज मिले हैं। रिकॉर्ड रूम से पुराना दस्तावेज गाबय है, जिसकी तलाश की जा रही है।

सूत्रों की मानें तो समाज कल्याण विभाग में संचालित कई योजनाएं के दस्तावेज गायब हैं। वहां तैनात सभी कर्मचारी लाभार्थियों के दस्तावेज सुरक्षित रखने में घोर लापरवाही की जाती है। इसी कार्यालय में बीते काफी दिनों से कार्यरत महिला कर्मचारी जिसकी ड्यूटी तीन दिन लखनऊ स्थित कार्यालय के लिए लगी है लेकिन वह यहीं बनी रहती है और छात्रवृत्ति कार्य उसके हाथ में है, उसके सामने कई अधिकारी आए और चले गये।

समाज कल्याण और नेडा विभाग के अधिकारी और कर्मचारी इतने लापरवाह हैं कि 6 साल के वृद्धा पेंशन और सोलर पैनल के रिकॉर्ड और कई फाइलें कार्यालय से गायब हो गईं, इसकी किसी को भनक तक नहीं लगी।

गायब हुए सरकारी दस्तावेजों की तलाश जारी

मामला खुलने के बाद शनिवार को दिनभर समाज कल्याण विभाग के 23 नंबर कमरे में फैले पड़े रिकॉर्ड को सुरक्षित रखने का काम हुआ। इसके बाद वृद्धा पेंशन, पारिवारिक लाभ के सारे रिकॉर्ड दिखाए गए तो वृद्धा पेंशन योजना के वर्ष 2017 से 2022 तक का रिकॉर्ड गायब मिला।

सफाई कर्मचारियों के कबूलनामे के बाद प्रकरण में दो कबाड़ियों से पूछताछ की गई है। रावतपुर स्थित विकास भवन के सामने दीपक जायसवाल और गोरा कब्रिस्तान के सादे कार कबाड़ी से समाज कल्याण विभाग के कर्मचारियों ने पूछताछ कर फाइलों को खंगाला है। हालांकि शुक्रवार के बाद कोई खास सफलता हाथ नहीं लगी है। मुख्य आरोपी सफाई कर्मी मोहन के अलावा एक अन्य सफाई कर्मी रमेश कुमार की मिलीभगत भी सामने आई है। इसमें जांच की जा रही है।

Check Also

मुख्यमंत्री ने जेवर भूमि अधिग्रहण के लिए प्रतिकर 3100 से बढ़ाकर किया 4300 रुपये प्रति वर्गमीटर

  -किसानों को नियमानुसार ब्याज का भी होगा भुगतान, प्रभावित किसानों के व्यवस्थापन, रोजगार-सेवायोजन का …