लखनऊ (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत का संविधान समय की कसौटी पर सदैव खड़ा उतरा है। आज स्वतंत्र भारत अपनी अनुरूप नीतियां बना रहा है और दुनिया के सामने अपने सामर्थ्य को रख रहा है। उत्तर प्रदेश दिवस इन्हीं स्मृतियों को आगे बढ़ाने का एक दिवस है।
राजभवन के गांधी सभागार में गणतंत्र दिवस पर उत्तर प्रदेश दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित प्रतिभा अलंकरण समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद आज ही के दिन 1950 में देश ने अपना संविधान लागू किया। भारत के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की परिश्रम, पुरुषार्थ और संघर्ष का परिणाम है कि आज स्वतंत्र भारत अपनी विशिष्ट विभूतियों को देश-दुनिया के सामने रखा है। जब देश गुलाम था, तब उन विभूतियों जो अपनी संस्कृति, विरासत, सामर्थ्य को प्रस्तुत करना चाहते थे, को यह स्वतंत्रता नहीं थी।
गणतंत्र दिवस की परेड में दिखा भिक्षा से शिक्षा का एक नया अनुभव
नए भारत का नया उत्तर प्रदेश प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। गणतंत्र दिवस पर राजभवन में भी बहुत कुछ परिवर्तन देखने को मिला। आप सबको राजभवन का थीम सांग पहली बार सुनने को मिला होगा। भिक्षा से शिक्षा का एक नया अनुभव देखने काे मिला। जो बच्चे भिक्षावृत्ति में लिप्त थे, उन बच्चों को कैसे शिक्षा के साथ जोड़कर राष्ट्र की मुख्यधारा के साथ जोड़ा जा रहा है, यह आज झांकी में उन बच्चों के प्रदर्शन से स्पष्ट देखने को मिला। राजभवन केवल संविधान की विवशता तक सीमित न रहे, बल्कि उससे इतर समाज के साथ सीधे जमीनी धरातल पर जुड़कर भी कार्य करेगा, यह आज राजभवन में राज्यपाल के नेतृत्व में दिखा।
राजभवन में दिखी, कैसे होता है रचनात्मकता का अभ्युदय
राजभवन पर जब मिलिट्री, पैरा मिलिट्री, पुलिस, होमगार्ड, एनसीसी, इन सबके फ्लैग मार्च हो रहे थे तब उनकी अपनी बैंड पार्टियां भी साथ चल रही थीं, लेकिन राजभवन की भी अपनी पार्टी साथ चल रही थी। एक रचनात्मकता का अभ्युदय कैसे होता है, उत्तर प्रदेश का राजभवन आज उसका केंद्र बिंदु बना।