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श्रीकृष्ण जन्मभूमि में श्रीराधाष्टमी पर्व पर हुआ दिव्य पंचामृत अभिषेक, पुष्प एवं मालाओं की हुई बरसात

मधुरा  (हि.स.)। श्रीकृष्ण जन्मभूमि में श्रीराधाष्टमी पर्व पौराणिक मान्यताओं एवं शास्त्रीय मर्यादाओं के साथ बुधवार को धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर घंटे, घड़ियाल, डोल, नगाड़े, मजीरे की मंगल ध्वनि के बीच प्रातः 9 बजे राधा स्वरूप धारण कर विराजमान भगवान श्रीकेशवदेवजी महाराज का दिव्य पंचामृत अभिषेक किया गया।

राधा स्वरूप में भगवान श्रीकेशवदेव के दर्शन श्रद्धालुओं को आनन्दित कर रहे थे। श्रीराधाजी और श्रीकृष्ण दोनों एक ही हैं, सन्त और वैष्णवों के ऐसे भाव के दर्शन आज श्रीराधा रूप में विराजमान भगवान श्रीकेशवदेव जी महाराज के दर्शन से ही रहे थे।

बीकेशवदेवजी मंदिर से चाब (बधाई) सामग्री सुन्दर डलियों एवं बालों में सजाकर ब्रजवासी भक्तजन मंगल ध्वनि के मध्य उद्दाम नृत्य-गावर, संकीर्तन करते हुऐ भागवत भवन में पधारे। भागवत भवन में विराजमान प्रत्यक्ष रूप श्रीराधाकृष्ण युगल सरकार के समक्ष दिव्य भजन और बधाई गायन बज की सुप्रसिद्ध भजन गायिका शालिनी शर्मा द्वारा किया गया। 11.30 बजे मंगल पाठों के मध्य भगवान श्रीराधाजी के प्रत्यक्ष स्वरूप का पुष्षार्चन किया गया। श्री किशोरी की प्राकट्य आरती हुई इसके पश्चात कमल पुष्प में चिराजित श्रीराधाजी के श्रीविग्रह अभिषेक स्थल पर पधारे। संस्थान के सचिव कपिल शर्मा एवं सदस्य गोपेश्वरनाथ चतुर्वेदी तथा मंदिर के पुजारियों के साथ श्रीराधाजी का अभिषेक किया। श्रद्धालुओं से खचाखच भरे भागवत भवन में पुष्प एवं मालाओं की बरसात हो रही थी। दिव्य श्रृंगार, पोशाक एवं भव्य पुष्प सज्जा के मध्य विसाजमान युगल- सरकार श्रीश्यामा श्याम जू की छवि प्रभू के साक्षात दर्शन का आभास भक्तों को करा रही थी। मंदिर प्रांगण में अद्भुद बधाई गायन के मध्य श्रद्धालुओं को बहुत बड़ी मात्रा में फल, मिलान, वस्त्र, खिलौने, पुष्प माला बधाई स्वरूप प्रदान की गयी।

श्रीकिशोरी जी के स्वरूप एवं श्रद्धालुओं के भाव, अदभुद गायन को देखकर ऐसा लग रहा था कि श्रीबरसाना धाम और श्रीरावल धाम दोनों ही भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि पर उपस्थित हों। श्रीराधाशमी के पवित्र अवसर पर ब्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान ने बृहद मात्रा में प्रसादी भण्डारे की व्यवस्था की। श्रीराचा जन्म महोत्सव को मनाने में संस्थान के सदस्य डा. रोशन लाल, उप मुख्य अधिशाषी अनुराग पाठक, कन्हैयालाल, अनिलभाई, पंकज अग्रवाल, गौरव अग्रवाल आदि का सहयोग रहा।

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