-तकनीक का इस्तेमाल ऐसा कि असली-नकली में फर्क करना हुआ मुश्किल
नई दिल्ली (ईएमएस)। तकनीक का इस्तेमाल करके अब असली और नकली में फर्क करना बड़ा मुश्किल हो गया है। बात जब एआई की होती है तो यह एक कदम और आगे बढ़ जाती है। अब एआई गंदे खेल में भी शामिल हो गया है। इसमें चेहरा किसी का तो शरीर किसी का होता है, लेकिन बदनामी बेचारे भोले-भाले लोगों की हो जाती है। हालांकि आज के समय में मशीन द्वारा कोई भी काम चुटकियों में करवाया जा सकता है। हर चीज़ का एक सही और गलत पहलू होता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ भी वही हो रहा है। जानकार बताते हैं कि कोई भी टेक्नोलॉजी इसलिए विकसित की जाती है ताकि उसके इस्तेमाल से हमें आगे बढ़ने में मदद मिले या चीज़ें आसान बन जाएं। लेकिन आज के दौर में इसका गलत इस्तेमाल शुरू हो गया है। अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा डीपफेक को अंजाम दिया जा रहा है।
दरअसल सोशल मीडिया पर एक वीडियो बहुत तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें कथित तौर पर अभिनेत्री रश्मिका मंदाना को एक लिफ्ट में एंटर करते हुए दिखाया गया है, लेकिन इस वीडियो को डीपफेक के रूप में पहचाना गया है। दरअसल इसके ओरिजिनल वीडियो में ब्रिटिश-भारतीय महिला ज़ारा पटेल हैं। बता दें कि कुछ दिन पहले अपने वीडियो को ज़ारा पटेल ने खुद इंस्टाग्राम पर अपलोड किया था। वीडियो को करीब से देखने पर पता चलता है कि जब वह बंद हो रहे लिफ्ट के दरवाजे से निकलने की कोशिश करती है तो पटेल के चेहरे से लेकर रश्मिका तक एक स्मूद ट्रांसिशन दिखता है। गौर किया जाए तो पहले सेकंड अभिनेत्री का सिर ओरिजिनल वीडियो वाली ज़ारा के शरीर पर नहीं लगाया जाता है। लेकिन ये इतना आराम से हो जाता है कि एक आम यूज़र आसानी से इस ट्रांसिशन को नहीं समझ पाएगा। इसलिए डीपफेक को भी पहली बार करीब एक महीने तक ध्यान नहीं दिया गया।
बताया जा रहा है कि इस वीडियो को 8 अक्टूबर को ऑनलाइन पोस्ट किया गया था। जानकार बताते हैं कि आज के समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इस कदर हाईटेक हो चुकी है कि कोई भी आपकी फोटो से चंद मिनटों में डीप फेक (झूठी तस्वीर) बना सकता है। डीप फेक टर्म का मतलब है ऐसी तस्वीरें या वीडियो जिसमें चेहरा और शरीर तो आपका दिखेगा, लेकिन असल में वह आप नहीं होते हैं। पोर्न वीडियो में भी इसका काफी इस्तेमाल किया जाता है, जहां किसी और की बॉडी पर किसी और के चेहरे को लगा दिया जाता है। डराने वाली बात ये है कि किसी और के चेहरे को पूरी वीडियो में लगा दिया जाता है, और इससे पहचानना काफी मुश्किल होता है।