नई दिल्ली, (ईएमएस)। ग्लोबल वॉर्मिंग को लेकर दुनिया में चिंता सालों से की जा रही है। इसे लेकर जलवायु परिवर्तन पर भी जमकर बातचीत हो रही है, लेकिन परिणाममूलक प्रयास नजर नहीं आने से समस्या जस के तस बनी हुई है। एक रिपोर्ट के मुताबिक नवंबर 2022 से अक्टूबर 2023 तक हर महीना इतिहास का सबसे गर्म महीना बताया गया है। इस तरह पूरा साल दुनियाभर में प्री-इंडस्ट्रियल लेवल, यानी 1890-1900 के औसत तापमान से 1.3 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म बताया गया है। यह जानकारी क्लाइमेट सेंट्रल नामक अंतरराष्ट्रीय संस्था ने वेदर एट्रीब्यूशन एनालिसिस में जारी की है।
जारी रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया के 170 देशों का औसत तापमान बढ़ गया है। इसके चलते 780 करोड़ लोग (99%) औसत से अधिक गर्म माहौल में रहने को मजबूर हो रहे हैं। आइसलैंड जैसे क्षेत्रों का साल का औसत तापमान सामान्य से कम रिकॉर्ड किया गया है। इन देशों में भारत की गिनती उन देशों में होती है जहां क्लाइमेट चेंज का सबसे ज्यादा असर नजर आता है। हालत यह है कि वैश्विक स्तर पर तापमान जितना बढ़ा है, उससे तीन गुना ज्यादा अकेले भारत में बढ़ गया है। पिछले 12 माह से दुनिया की 570 करोड़ आबादी कम से कम 30 दिन औसत से अधिक तापमान में रहने को विवश रही है। यह दावा वेदर एट्रीब्यूशन स्टडी में किया गया है। भारत की 120 करोड़ आबादी (86%) को 30 दिन अधिक तापमान में गुजारने पड़े। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान को छोड़कर सभी राज्यों में पिछले 12 महीने सबसे गर्म रहे। जिन देशों की सौ फीसद आवादी ने सामान्य से अधिक तापमान का दंश झेला है उनमें चीन का नाम भी आता है।
चीन के 51.3 करोड़ यानी करीब 35 फीसदी और अमेरिका के 8.8 करोड़ यानी 26 फीसदी लोग सामान्य से अधिक तापमान में रहते रहे हैं। जापान, फिलीपींस, वियतनाम, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, ईरान, नाइजीरिया, इटली, मिस्र, फ्रांस, स्पेन, यूके, ब्राजील, मैक्सिको और सभी कैरेबियाई देशों की सौ फीसद आबादी को साल में 30 दिन सामान्य से अधिक तापमान में रहने को मजबूर रहना पड़ा है। यहां भारत की बात करें तो एक वर्ष के दौरान देश के 12 शहरों में 100 दिन तापमान सामान्य से अधिक में रहना पड़ा हे। इन शहरों में आईजोल, ठाणे, विशाखापट्टनम, पणजी, गुवाहाटी, दिसपुर, शिलॉन्ग, बेंगलुरु, इंफाल, तिरुवनंतपुरम, कवरत्ती और पोर्ट ब्लेयर शामिल हैं। इनके अतिरिक्त विजयवाड़ा, अगरतला, दमन, मैसूरू, चेन्नई, कल्याण, मुंबई, ठाणे, आईजोल, बेंगलुरु, कोहिमा, विशाखापट्टनम, पणजी, गुवाहाटी, दिसपुर, शिलॉन्ग, इंफाल, कवरत्ती, तिरुवनंतपुरम, भुवनेश्वर और पोर्ट ब्लेयर में पहले के मुकाबले अधिक गर्मी होने लगी है। इसे देखते हुए कहा जा रहा है कि आने वाले सालों में गर्मी से हालात और खराब होंगे, जिस पर चिंता जाहिर की जा रही है।