– वादी विवेक सोनी व अन्य द्वारा दाखिल वाद में हुयी सुनवाई
वाराणसी (हि.स.)। ज्ञानवापी मस्जिद को वास्तविक रूप से काशी विश्वनाथ मंदिर घोषित करने की मांग वाली याचिका पर सिविल जज सीनियर डिविजन एफटीसी की अदालत में मंगलवार को सुनवाई हुई। दाखिल वाद में अंतरिम तौर पर यानि मुकदमें के निस्तारण तक आदि ज्योतिर्लिंग की पूजा अर्चना के लिये बहस पूरी हो गयी।
न्यायमूर्ति आकाश वर्मा की अदालत ने बहस सुनने के पश्चात आदेश सुरक्षित कर लिया है। ये जानकारी वादी बजरडीहा निवासी विवेक सोनी, जयध्वज श्रीवास्तव के अधिवक्ता देशरत्न श्रीवास्तव व नित्यानन्द राय ने दी। अधिवक्ताओं ने बताया कि वादी विवेक सोनी और जयध्वज ने अदालत में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद को पार्टी बनाते हुये मुकदमा दाखिल किया है। आज अंतरिम अनुतोष के लिये अदालत में बहस हुई।
वादी के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि आदि विश्वेवर ज्योतिर्लिंग जिसे कूप बनाकर कथित ज्ञानवापी मस्जिद से संबधित व्यक्तियों द्वारा ढक दिया गया था। आदिविश्वेवर द्वारा 16 मई को दर्शन दिया गया। अधिवक्ताओं ने मांग किया कि दर्शन के उपरांत ज्योतिर्लिंग के पूजा पाठ, भोग प्रसाद, शयन आरती, मंगला आरती, माल्यार्पण, दुग्धाभिषेक आदि कार्य में कोई व्यवधान न डाला जाए। पूजापाठ सम्बन्धित कार्य करने दिया जाए। अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि सर्वोच्च न्यायालय का आदेश उक्त शिवलिंग को सुरक्षित रखने के लिये है। पूजापाठ करने व अन्य धार्मिक क्रियाकलाप की कोई मनाही नहीं है।