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वाराणसी : आईआईटी-बीएचयू की छात्रा के साथ छेड़खानी, आंदोलन के बीच उच्च स्तरीय बैठक, इन बिंदुओं पर बनी सहमति

-विवि प्रशासन ने बीएचयू तथा आईआईटी-बीएचयू में सुरक्षा को लेकर किया मंथन

 

-परिसर में होगी वृहद निगरानी, सीसीटीवी, मार्गों पर प्रकाश व्यवस्था भी

वाराणसी  (हि.स.)। आईआईटी-बीएचयू की छात्रा के साथ छेड़खानी मामले को लेकर परिसर में गर्म माहौल, छात्रों के आंदोलन में गुटबाजी और मारपीट देख विश्वविद्यालय प्रशासन ने रविवार शाम उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। विद्यार्थी सुरक्षा के विषय पर बीएचयू तथा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (बीएचयू) प्रशासन ने तीन घंटे से अधिक समय तक चली मैराथन बैठक में चिंतन कर सुरक्षा व्यवस्था की व्यूह रचना तैयार की।

 

दोनों संस्थानों ने विश्वविद्यालय परिसर में समन्वित ढंग से सुरक्षा बढ़ाने, शांतिपूर्ण व सुरक्षित परिसर के लिए सभी प्रयासों एवं संसाधनों को लगाने की प्रतिबद्धता जताई। कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन तथा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-बीएचयू के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन की उपस्थिति में हुई बैठक में दोनों संस्थानों के वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे।

 

-इन बिंदुओं पर बनी सहमति

 

उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक में तय हुआ कि दोनों संस्थानों के प्रशासन परिसर में सीसीटीवी निगरानी में तेज़ी लाएंगे। इस संबंध में वाराणसी स्मार्ट सिटी लिमिटेड से समुचित सहयोग लिया जा रहा है ताकि विश्वविद्यालय में आधुनिक सीसीटीवी निगरानी व्यवस्था स्थापित की जा सके। वाराणसी स्मार्ट सिटी लिमिटेड इस संबंध में परिसर का सर्वे भी कर चुका है। परिसर के मार्गों पर प्रकाश की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। यह कार्य प्रगति पर है तथा अगले दो दिन के भीतर परिसर स्थित मार्गों पर भरपूर प्रकाश की व्यवस्था हो जाएगी।परिसर स्थित सुरक्षा अवरोधकों तथा चेक पोस्ट को और मजबूत किया जा रहा है। साथ ही यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि चौबीसों घंटे सुरक्षा प्रोटोकॉल का सख्ती से अनुपालन हो। परिसर के सभी सातों द्वारों पर रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक कड़ी निगरानी व सुरक्षा की जा रही है, जिससे असामाजिक तत्वों का बीएचयू परिसर में प्रवेश रोका जा सके। आईआईटी (बीएचयू) तथा बीएचयू, दोनों ही संस्थानों में महिला शिकायत निवारण प्रकोष्ठ है।

दोनों संस्थान इन प्रकोष्ठों को और सशक्त करने एवं इनमें विद्यार्थियों की अधिक प्रतिभागिता को प्रोत्साहित व सुनिश्चित करेंगे। दोनों संस्थान सात दिन के भीतर अपने यहां जीएस कैश प्रावधानों की समीक्षा करेंगे तथा महिला शिकायत निवारण प्रकोष्ठ के संबंध में आवश्यकतानुसार सुधार के लिए कदम सुझाएंगे। दोनों संस्थानों के संकाय सदस्यों की एक संयुक्त समिति गठित कर दी गई है। यह समिति आपस में समन्वय कर बीएचयू परिसर में विद्यार्थियों के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने हेतु कदम सुझाएगी। यह समिति दोनों संस्थानों के प्रमुखों को सीधे रिपोर्ट करेगी। चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू, के ऐनाटॉमी विभाग की प्रो. रोयना सिंह समिति की अध्यक्ष होंगी तथा आईआईटी-बीएचयू स्थित केमिकल इंजीनियरिंग के प्रो. राजेश कुमार उपाध्याय इस समिति के सह अध्यक्ष होंगे। आईएमएस-बीएचयू से प्रो. ललित मोहन अग्रवाल एवं आईआईटी-बीएचयू के प्रो. आर.के. सिंह (इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग) समिति के सदस्य बनाए गए हैं। बैठक के दौरान उपस्थित सदस्यों ने एकमत से सहमति जताई की बाउंडरी वॉल से आईआईटी-बीएचयू की सुरक्षा संबंधी चिंताओं का समाधान संभव नहीं है। उन्होंने आईआईटी परिसर की बाउंडरी वॉल के निर्माण की चुनौतियों पर भी चर्चा की। सदस्यों ने एकमत से सहमति जताई कि वर्तमान में अनेक संकाय, इकाइयां व सेवाएं जैसे चिकित्सालय, सीवेज व्यवस्था, बिजली व जल आपूर्ति, पोस्ट ऑफिस, परिसर की सड़कें आदि साझा रूप से प्रयोग में लाई जाती हैं। ऐसे में परिसर को विभाजित करना एवं दीवार से किसी एक भाग को अलग करना तर्कसंगत नहीं है। दोनों संस्थानों ने पूरे परिसर में विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु व आवश्यकतानुसार कदम उठाने हेतु अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

 

-छात्रों से अपील

 

बैठक में विद्यार्थियों एवं संपूर्ण बीएचयू समुदाय से अपील की गई कि वे विद्यार्थियों की सुरक्षा व शांत व सुरक्षित परिसर हेतु उठाए जा रहे कदमों में अपना सहयोग प्रदान करें व सभी नियमों व प्रोटॉकॉल का पालन करें।

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